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India News (इंडिया न्यूज), China Military Reorganisation: चीन के द्वारा एक नई सैन्य साइबर कोर सूचना सहायता बल के निर्माण की घोषणा की है। जिसका मकसद बीजिंग की युद्धों को “लड़ने और जीतने” की क्षमता को बढ़ाना है। इस नए बल के गठन का एलान शुक्रवार (19 अप्रैल) को रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने की। जिन्होंने नेटवर्क सूचना प्रणालियों के समन्वित विकास और अनुप्रयोग के लिए महत्वपूर्ण समर्थन के रूप में इसकी भूमिका पर जोर दिया। यह रणनीतिक पहल सैन्य आधुनिकीकरण में चीन के निरंतर निवेश का हिस्सा है। जिसने अमेरिका और अन्य क्षेत्रीय शक्तियों के साथ बढ़ते तनाव के बीच अपने सशस्त्र बलों को उन्नत करने के लिए अरबों डॉलर आवंटित किए हैं।
बता दें कि, सूचना सहायता बल की स्थापना चीन के सैन्य संसाधनों के एक महत्वपूर्ण पुनर्गठन का प्रतिनिधित्व करती है। जो साइबर युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने पर केंद्रित है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग जिन्होंने सत्ता संभालने के बाद से सेना पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए काम किया है। उन्होंने बीजिंग में एक समारोह में हार्दिक बधाई दी। जिसे राज्य टेलीविजन पर प्रसारित किया गया था। सैन्य पोशाक पहने शी ने अधिकारियों को संबोधित किया और “चीनी विशेषताओं के साथ” सैन्य प्रणाली को परिष्कृत करने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय के रूप में नई सेना की स्थापना को रेखांकित किया।शी ने अपने भाषण में कहा कि सेना को पार्टी के आदेश का दृढ़ता से पालन करने और सेना पर पार्टी के पूर्ण नेतृत्व के सिद्धांतों को बनाए रखने की आवश्यकता दोहराई।
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बता दें कि, इस पुनर्गठन में अंतरिक्ष, साइबर, राजनीतिक और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में चीन की क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए साल 2015 में स्थापित रणनीतिक सहायता बल की समाप्ति भी शामिल है। अब निष्क्रिय हो चुके इस बल की एयरोस्पेस और साइबर इकाइयों को नए सूचना सहायता बल के तहत पुन: संगठित किया जाएगा। दरअसल, यह सैन्य फेरबदल साल 2015 के बाद से सबसे बड़ा बताया जा रहा है और यह ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका जैसी वैश्विक शक्तियों के साथ साइबर तनाव बढ़ रहा है। हाल ही में ब्रिटेन और न्यूजीलैंड के साथ अमेरिका ने वैश्विक संघर्षों में साइबर युद्ध की महत्वपूर्ण प्रकृति को उजागर करते हुए चीन पर लोकतांत्रिक संस्थानों को लक्षित करने वाली साइबर गतिविधियों को प्रायोजित करने का आरोप लगाया है।
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