Hindi News / Indianews / First She Used To Watch Porn Movies And Then The Wife Used To Do This The Husband Pleaded For Divorce In The High Court The Judge Gave Such A Verdict That People Were Stunned

पहले देखती थी अश्लील फिल्में फिर पत्नी करती थी ये काम, पति ने हाईकोर्ट में तलाक की लगाई गुहार, जज ने सुनाया ऐसा फैसला देख दंग रह गए लोग

मामले की सुनवाई करते हुए जज ने कहा, 'अगर शादी के बाद महिला का विवाहेतर संबंध है, तो यह तलाक का आधार बन सकता है। लेकिन आत्मसुख में लिप्त होना तलाक का कारण नहीं हो सकता। किसी भी तरह से यह नहीं कहा जा सकता कि यह पति के प्रति क्रूरता है।

BY: Divyanshi Singh • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज),Madras High Court:मद्रास हाईकोर्ट ने तलाक के एक अजीबोगरीब मामले पर अपना फैसला सुनाया है। यहां एक पति को अपनी पत्नी का पोर्न देखना और फिर हस्तमैथुन करना पसंद नहीं था। इस बात पर पति ने अपनी पत्नी से तलाक मांगा। लेकिन हाईकोर्ट ने तलाक की याचिका खारिज कर दी। साथ ही दलील दी कि यह कोई अपराध नहीं है और न ही तलाक मांगने का कोई कारण है।फैमिली कोर्ट ने पहले पति की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने हाईकोर्ट में तलाक की गुहार लगाई थी। जस्टिस जीआर स्वामीनाथन और जस्टिस आर पूर्णिमा की खंडपीठ ने बुधवार को कहा, ‘जब पुरुषों में हस्तमैथुन को सार्वभौमिक माना जाता है, तो महिलाओं द्वारा हस्तमैथुन को कलंक नहीं माना जा सकता। पुरुष हस्तमैथुन के तुरंत बाद संभोग में शामिल नहीं हो सकते, लेकिन महिलाओं के मामले में ऐसा नहीं होगा। यह भी साबित नहीं हुआ है कि अगर पत्नी को हस्तमैथुन की आदत है, तो पति-पत्नी के वैवाहिक संबंध प्रभावित होंगे।’

जज ने क्या कहा?

मामले की सुनवाई करते हुए जज ने कहा, ‘अगर शादी के बाद महिला का विवाहेतर संबंध है, तो यह तलाक का आधार बन सकता है। लेकिन आत्मसुख में लिप्त होना तलाक का कारण नहीं हो सकता। किसी भी तरह से यह नहीं कहा जा सकता कि यह पति के प्रति क्रूरता है। प्रतिवादी (पत्नी) द्वारा अकेले में अश्लील फिल्में देखने को अपीलकर्ता (पति) के प्रति क्रूरता नहीं माना जा सकता। यह देखने वाले पति या पत्नी के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।’

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पति ने हाईकोर्ट में तलाक की गुहार लगाई

अदालत ने आगे कहा, ‘अगर कोई अश्लील फिल्म देखने वाला दूसरे पति या पत्नी को अपने साथ शामिल होने के लिए मजबूर करता है, तो इसे निश्चित रूप से क्रूरता माना जाएगा। अगर यह दिखाया जाता है कि इस लत के कारण किसी के वैवाहिक दायित्वों का निर्वहन प्रतिकूल रूप से प्रभावित होता है, तो यह कार्रवाई योग्य आधार प्रदान कर सकता है।

2018 में हुई थी शादी

जानकारी के अनुसार, अदालत करूर जिले के पारिवारिक न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाले व्यक्ति (अपीलकर्ता) द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने तलाक की मांग करने वाले उसके आवेदन को खारिज कर दिया था। दोनों ने जुलाई 2018 में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार एक मंदिर में शादी की थी। यह उन दोनों की दूसरी शादी थी और इस शादी से कोई बच्चा पैदा नहीं हुआ। दिसंबर 2020 में वे अलग हो गए। पत्नी ने वैवाहिक अधिकारों की बहाली के लिए आवेदन दायर किया, जबकि पति ने तलाक की मांग की। फरवरी 2024 में पारिवारिक न्यायालय ने पति की याचिका खारिज कर दी। आदेश को चुनौती देते हुए उसने 2024 में वर्तमान अपील दायर की थी।

पति ने लगाया यह आरोप

पति के अनुसार, वह बहुत खर्चीली है। अश्लील फिल्में देखने की आदी है। अक्सर हस्तमैथुन करती है। घर के काम करने से मना करती है। अपने ससुराल वालों के साथ बुरा व्यवहार करती है। फोन पर घंटों बात करती है। हालांकि, पत्नी ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि अगर वे सच होते, तो वे करीब दो साल से साथ नहीं रह रहे होते। न्यायाधीशों ने माना कि पति क्रूरता से संबंधित अन्य आरोपों को साबित नहीं कर पाया। पत्नी द्वारा उठाया गया दूसरा आधार यह है कि उसकी पत्नी यौन रोग से पीड़ित है। हालांकि, उसने कहा था कि वह शारीरिक रूप से पीड़ित है।

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