India News (इंडिया न्यूज़), S Jaishankar on PM Modi, बैंकॉक: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीते दिन शनिवार को कहा कि देश के प्रधानमंत्री मोदी के बारे में असाधारण बात तो यही है कि कई चीजों की नब्ज का उन्हें पता चल जाता है। जिसके बाद वह उसे नीतियों और कार्यक्रमों में बदल देते हैं। विदेश मंत्री ने एक राजनयिक से राजनेता बनने तक की अपनी यात्रा पर कहा कि हमेशा उन्होंने राजनेताओं के साथ काम किया। मगर बिना किसी वीकेंड के राजनीति की 24×7 दुनिया में प्रवेश करना काफी अलग है।
बैंकॉक पहुंचने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इस समय पीएम मोदी जैसा व्यक्ति मिलना देश का बहुत बड़ा सौभाग्य है और में ऐसा इसलिए नहीं कह रहा हूं। क्योंकि वह आज के प्रधानमंत्री है और में उनके मंत्रिमंडल का सदस्य हूं। में ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि जब आपके सामने सदी में एक बार होने वाली स्वास्थ्य चुनौती होती है। तो केवल वहीं व्यक्ति जो इतना जमीन से जुड़ा हो, कह सकता है कि ठीक है। स्वास्थ्य संबंधी चुनौती है। लेकिन घर जाने वाले व्यक्तियों के लिए क्या किया जाएगा, आप उन्हें खिलाने के लिए क्या करेंगे। आप उनके खाते में पैसे कैसे डालेंगे बहुत से लोगों के मन में यह विचार नहीं होगा कि महिलाएं पैसे का बेहतर प्रबंधन करेंगी।”
विदेश मंत्री ने आगे कहा, “अच्छे नेता वे लोग होते हैं जो जमीन से जुड़े होते हैं। जो हो रहा है उसके लिए बहुत अनुभवी होते हैं। लेकिन उनमें देश को एक अलग स्तर पर ले जाने का जुनून भी होता है। बहुत ज़मीन से जुड़े हुए और बहुत दूरदर्शी और ऐसे लोग में आपको बता सकता हूँ जीवन में एक बार ही आते हैं विदेश मंत्री ने कहा कि उनके अनुसार किसी भी समय के सर्वश्रेष्ठ राजनयिक भगवान हनुमान है।”
हाल ही में अपनी लिखी एक किताब के सवाल पर एस जयशंकर ने कहा, “अपने राजनयिक करियर और राजनीति में प्रवेश के बीच के वर्ष के दौरान में बैठा नहीं रहा और मैने उस समय एक किताब लिखी थी कि कैसे अंतरराष्ट्रीय राजनीति के साथ महाभारत एक मार्गदर्शक के रूप में काम कर सकता है महाभारत शासन कला की तरह है लेकिन अगर आप रामायण भी देखते हैं, अगर आप मुझसे पूछते हैं कि मुझे सबसे अच्छा राजनयिक कोन लगता है, तो मेरा सिर्फ एक ही जवाब होगा, भगवान हनुमान। हनुमान भगवान राम की तरफ से लंका जाते हैं, लेकिन आइए इसे एक देश के रूप में देखते हैं, जहां अनजान स्थान पर किसी चीज से निपटना है और आपके पास उतनी जानकारी नहीं है आपको वहां जाना है खुफिया जानकारी ढूंढनी है, सीता का पता लगाना है वे भी गुप्त रूप से सीता के साथ संपर्क स्थापित करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “उनका मनोबल ऊंचा रखते हैं, उस स्थान पर आग लगा देता है जो कि राजनयिकों के लिए मेरा नुस्खा नहीं है, लेकिन यदि आप पूरे हालात को देखें तो वह सफलतापूर्वक वापस आ जाते हैं।” थाईलैंड और भारत के बीच कनेक्टिविटी के बारे में उन्होंने कहा, “आज हमारे सामने असत चुनौती, जिस पर हम काम कर रहे हैं। वह यह है कि हम थाईलैंड के बीच सड़क संपर्क कैसे बनाएं हमारे पास पूर्वोत्तर भारत से होकर गुजरने वाली यह परियोजना है यदि हम म्यांमार से गुजरने वाली एक सड़क बनाते हैं और वह सड़क थाईलैंड की ओर से बनाई जाने वाली सड़क से जुड़ती है।”
एस जयशंकर ने कहा, “यह बहुत कठिन परियोजना रही है मुख्य रूप से म्यांमार की स्थिति के कारण यह एक बहुत ही कठिन परियोजना रही है। यह आज हमारी प्राथमिकताओं में से एक है कि इस परियोजना को कैसे फिर से शुरू किया जाए। इसे कैसे चालू किया जाए और इसे कैसे बनाया जाए क्योंकि परियोजना के बड़े हिस्से का निर्माण किया जा चुका है।”
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