G20 Summit in India: पीएम मोदी हाथ मिलाने बढ़ें लेकीन उन्होंने गले लगा लिया…….। निले रंग का सूट पहना हुआ गहरे रंग का एक आदमी चलता हुआ पीएम मोदी की तरफ आया। पीएम मोदी अपने दाएं हाथ को आगे बढाते हुए अपने कदमों को आगे बढ़ाये, लेकिन उस आदमी ने अपनो दोनों हाथों को फैला पीएम मोदी को गले लगा लिया। इस छड़ का दुनिया के कई देशों के प्रमुख साक्षी रहें। सब एक साथ ताली बजाते रहें। वो आदमी 55 अफ्रीकी देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले यानी अफ्रीकन यूनियन के प्रेसिडेंट अजाली असौमानी थे।

 

G20 की मेजबानी भारत कर रहा है। शनिवार (9 सितंबर 2023) को G20 सिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया गया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन में भाग लेने वाले दुनिया भर से आए कई देशों के प्रमुख का स्वागत किया।

पीएम मोदी ने कहा “सबका साथ की भावना से भारत ने प्रस्ताव रखा था की अफ्रीकन यूनियन को जी 20 की स्थाई सदस्यता दी जाए। मेरा विश्वास है कि इस प्रस्ताव पर हम सबकी सहमति है।आप सब की सहमति से ( उन्होने दो बार गैवेल पीटकर इसकी आधिकारिक पुष्टी की) आगे की कार्यवाही शुरु करने से पहले मै अफ्रीकन यूनियन के अधयक्ष को जी 20 के स्थायी सदस्य के रुप में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करता हुं।

इसके बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर उन्हे लेने गए। उनके उठते ही तालियां गुज उठी तालियों के उन गड़गड़ाहट में वो आगे चलते हुए आए और मेजबान भारत के पीएम मोदी के गले लग गए।

बता दे प्रधानमंत्री मोदी ने जून में ही अफ्रीकन यूनियन को G20 में शामिल कराने के लिए सभी सदस्य देशों को पत्र लिखा था।

क्या है अफ्रीकन यूनियन?

अफ्रीकन यूनियन 55 अफ्रीकी देशों का संगठन है। अफ्रीका महाद्वीप के सभी देश इसके सदस्य हैं। आधिकारिक रूप से इसकी शुरुआत साल 2002 में हुई थी। जुलाई 2002 में डरबन में आधिकारिक रूप से इसे लॉन्च किया गया। 2004 में यूरोपियन यूनियन की तरह अफ्रीकन यूनियन ने भी एक पार्लियामेंट बनाया। इस पार्लियामेंट में अफ्रीकी देशों के मुद्दों पर चर्चा होती है। आने वाले सालों में अफ्रीकन यूनियन ने शांति और सुरक्षा परिषद, वित्तीय संस्थान, मानवाधिकार और न्यायिक संस्थान भी स्थापित किए।

हर साल बदलती रहती है यूनियन की अध्यक्षता

जिन देशों में तख्तापलट होते हैं या लोकतांत्रिक प्रक्रिया खत्म होती है, उन देशों की सदस्यता भी रद्द कर दी जाती है। हालांकि संवैधानिक व्यवस्था कायम होने के बाद उस देश की सदस्यता बहाल हो जाती है। जैसे साल 2009 में मेडागास्कर में और 2012 में माली में तख्तापलट के बाद अफ्रीकन यूनियन ने इन्हें सदस्य देशों से हटा दिया था। शांति के बाद दोबारा इन्हें शामिल किया गया।

इस यूनियन की अध्यक्षता हर साल बदलती रहती है। जैसे अभी कोमोरोस के राष्ट्रपति अजाली असौमानी यूनियन के अध्यक्ष हैं। फरवरी 2023 में वो संगठन के अध्यक्ष बने थे। यूनियन की एक असेंबली भी है, जिसमें सदस्यों देशों के राष्ट्राध्यक्ष साल में कम से कम एक बार मिलते हैं। इसके अलावा एक एग्जिक्यूटिव काउंसिल होती है, जिसके सदस्य विदेश मंत्री होते हैं।

अफ्रीकन यूनियन के बारे में कुछ तथ्य-

  • अफ्रीकी महाद्वीप दुनिया की कुल जैव विविधता के एक बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है।
  • अफ्रीकी महाद्वीप में विश्व की 60% नवीकरणीय ऊर्जा को बनाने में लगने वाला कच्चा माल मौजूद है।
  • अफ्रीकी महाद्वीप  के पास 30 प्रतिशत से अधिक खनिज हैं जो नवीकरणीय और निम्न-कार्बन प्रौद्योगिकियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • केले कांगो में दुनिया का लगभग आधा कोबाल्ट है, जो लिथियम-आयन बैटरी के लिए बहुत जरूरी मेटल है।