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India News (इंडिया न्यूज़), Latest Space News: अगर आप अंतरिक्ष और विज्ञान से जुड़ी घटनाओं में रुचि रखते हैं, तो 13 जनवरी की तारीख को याद रखना न भूलें। इस दिन एक अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा, जिसे आखिरी बार लगभग 1,60,000 साल पहले देखा गया था। इस दिन सूरज निकलने से करीब 30 मिनट पहले, पूर्व दिशा में एक तेज चमक दिखाई देगी। हालांकि, यह चमक सूरज की नहीं बल्कि दुर्लभ धूमकेतु G3 ATLAS की होगी।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह धूमकेतु पृथ्वी से दिखाई देने वाले सबसे चमकीले धूमकेतुओं में से एक हो सकता है। इसे अपनी आँखों से रात के समय देखा जा सकता है, और 13 जनवरी की सुबह सूर्योदय से लगभग 35 मिनट पहले यह पूर्व दिशा में चमकते हुए नजर आएगा। चिली के एटलस सर्वे ने इसे 5 जनवरी को खोजा। शुरुआत में यह धूमकेतु धुंधला दिखाई दे रहा था, लेकिन हाल में हुए विस्फोट के कारण इसकी चमक तेजी से बढ़ गई।
यह दुर्लभ घटना किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक बार ही घटित होने वाली है। वैज्ञानिकों के अनुसार, G3 ATLAS की चमक शुक्र और बृहस्पति जैसे ग्रहों को भी मात दे सकती है। 13 जनवरी को यह सूर्य के सबसे करीब पहुंचेगा, जब इसकी दूरी सूर्य से केवल 8.7 मिलियन मील होगी।
12 जनवरी को यह धूमकेतु सूर्योदय से लगभग 35 मिनट पहले उगने वाला है। यह सूर्य के ठीक ऊपर दिखाई देगा। विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि इस अद्वितीय धूमकेतु को देखने के लिए दूरबीन का उपयोग करें। हालांकि, सूर्य की निकटता के कारण इसे देख पाना चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। सूरज की तेज रोशनी के बढ़ते ही यह धूमकेतु अदृश्य हो जाएगा।
G3 ATLAS धूमकेतु पर हुए तेज विस्फोट के बाद इसकी चमक अचानक बढ़ी, जिसके चलते वैज्ञानिकों का ध्यान इस पर गया। यह धूमकेतु अपने एक चक्कर को पूरा करने में लगभग 1,60,000 साल का समय लेता है।
इस धूमकेतु को देखने के लिए सबसे अच्छा समय सूर्योदय से पहले का होगा। इसकी स्पष्टता को बढ़ाने के लिए दूरबीन का इस्तेमाल करें। यह नजारा अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए एक अद्भुत और दुर्लभ अनुभव होगा।
13 जनवरी की यह घटना वैज्ञानिकों और आम लोगों के लिए खगोलीय रहस्यों की गहराई में झांकने का एक सुनहरा मौका है। अगर आप इसे देखने में कामयाब होते हैं, तो यह आपके जीवन का एक यादगार पल बन सकता है।
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