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'गरबा पंडाल में आना है गौमूत्र…', Navratri से पहले ये क्या बोल गए BJP नेता, हुआ बवाल

Raunak Kumar • LAST UPDATED : October 1, 2024, 12:25 pm IST
'गरबा पंडाल में आना है गौमूत्र…', Navratri से पहले ये क्या बोल गए BJP नेता, हुआ बवाल

Gaumutra: Navratri से पहले ये क्या बोल गए BJP नेता

India News ( इंडिया न्यूज), Gaumutra: इंदौर के भाजपा जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा ने नवरात्रि उत्सव के आयोजकों से आग्रह किया कि वे लोगों को गरबा पंडालों में प्रवेश देने से पहले उन्हें गौमूत्र पिलाएं। भाजपा नेता ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि अगर कोई हिंदू है, तो वे गोमूत्र पीने पर आपत्ति नहीं करेंगे।समाचार एजेंसी पीटीआई ने उनके हवाले से कहा कि हमने आयोजकों से अनुरोध किया है कि वे सुनिश्चित करें कि भक्तों को गरबा पंडालों में प्रवेश देने से पहले वे गोमूत्र से आचमन करें। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार इस बयान के पीछे के तर्क के बारे में पूछे जाने पर वर्मा ने कहा कि कभी-कभी कुछ खास लोग इन आयोजनों में शामिल होते हैं, जिससे कुछ खास चर्चाएं पैदा होती हैं।

कांग्रेस ने साधा निशाना

चिंटू वर्मा ने कहा कि आधार कार्ड को संपादित किया जा सकता है। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति हिंदू है, तो वह गोमूत्र के आचमन के बाद ही गरबा पंडाल में प्रवेश करेगा और इससे इनकार करने का कोई सवाल ही नहीं है। इस बीच, कांग्रेस ने वर्मा के आह्वान पर सवाल उठाते हुए इसे पार्टी द्वारा ध्रुवीकरण की नई रणनीति करार दिया। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता गौशालाओं की दुर्दशा पर चुप हैं और केवल इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने में रुचि रखते हैं। उन्होंने कहा कि गौमूत्र आचमन की मांग उठाना भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति खेलने की नई चाल है। उन्होंने भाजपा नेताओं से पंडालों में प्रवेश करने से पहले गौमूत्र पीने और सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करने का आग्रह किया।

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शिंदे सरकार ने गाय को ‘राज्यमाता’ का दर्जा दिया

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने गाय के महत्व को देखते हुए यह फैसला लिया है। महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी किया है। आपको बता दें कि, गाय को राज्यमाता घोषित करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन चल रहा था। महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव की घोषणा होने वाली है और ऐसे में शिंदे सरकार के इस फैसले को बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है। सरकार का मानना ​​है कि इस फैसले से गौहत्या और गौ तस्करी पर लगाम लगेगी।

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