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Gautam Navlakha: भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गौतम नवलखा को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत-Indianews

BY: Shubham Pathak • LAST UPDATED : May 14, 2024, 1:37 pm IST
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Gautam Navlakha: भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गौतम नवलखा को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत-Indianews

Gautam Navlakha

India News(इंडिया न्यूज),Gautam Navlakha: भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत दे दी, जो 2018 भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं। हंलाकि उनकी नजरबंदी के लिए 20 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। जानकारी के लिए बता दें कि यह निर्णय न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और एसवीएन भट्टी की पीठ द्वारा दिया गया, जिसने मामले की लंबी प्रकृति को रेखांकित किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि गवाहों की संख्या और अन्य प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखते हुए मुकदमे को समाप्त होने में कई और साल लग सकते हैं।

पीठ का आदेश

वहीं इस मामले में पीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि हम रोक को आगे नहीं बढ़ाने के इच्छुक हैं क्योंकि बॉम्बे उच्च न्यायालय का आदेश जमानत देने में विस्तृत है। मुकदमा पूरा होने में वर्षों-वर्ष लगेंगे। विवादों पर विस्तार से चर्चा किए बिना, हम रोक नहीं बढ़ाएंगे। जानकारी के लिए बता दें किअदालत दिसंबर में नवलखा को जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अपील पर सुनवाई कर रही थी।

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उच्च न्यायालय ने कहा कि यह अनुमान लगाने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है कि उसने यूएपीए की धारा 15 के तहत आतंकवादी कृत्य किया था। एनआईए द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती देने के लिए समय मांगने के बाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी गई थी। इस रोक को बार-बार बढ़ाया गया।

2020 में हुए थे गिरफ्तार

मिली जानकारी के अनुसार पत्रकार और कार्यकर्ता नवलखा को भीमा कोरेगांव में हिंसा में कथित संलिप्तता के लिए 14 अप्रैल, 2020 को गिरफ्तार किया गया था, जो 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में एल्गर परिषद सम्मेलन में की गई कथित भड़काऊ टिप्पणियों से संबंधित है। महाराष्ट्र पुलिस के अनुसार, इन टिप्पणियों के कारण अगले दिन कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के बाहर अशांति फैल गई, जो पश्चिमी महाराष्ट्र में शहर के बाहरी इलाके में है। घटना में एक शख्स की जान चली गई।

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2018 में हुए थे नजरबंद

मानवाधिकार कार्यकर्ता और पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (पीयूडीआर) के पूर्व सचिव नवलखा को शुरू में अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें घर में नजरबंद रखा गया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अप्रैल 2020 में तलोजा सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। आदेश देना। बाद में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए उनकी याचिका को मंजूरी दिए जाने के बाद नवंबर 2022 में उन्हें फिर से घर में नजरबंद कर दिया गया। तब से वह नवी मुंबई में नजरबंद हैं।

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