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India News (इंडिया न्यूज़), Ghost Hacker: दुनिया में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है। स्कैमर्स लोगों को निशाना बनाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ये हैकर्स लोगों की मौत के बाद भी उन्हें नहीं छोड़ रहे हैं। दरअसल, स्कैमर्स का नया टारगेट मरे हुए लोग हैं। ऐसे हैकर्स को घोस्ट हैकर्स नाम दिया गया है। वैसे तो स्कैमर्स कई तरह से लोगों को निशाना बना रहे हैं, लेकिन ये तरीका नया है और इन दिनों ट्रेंड में है। इसके लिए हैकर्स सोशल मीडिया पर नजर रखे हुए हैं और किसी की मौत की खबर आते ही एक्टिव हो जाते हैं। आइए जानते हैं हैकर्स इस पूरी कहानी को कैसे अंजाम देते हैं।
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जैसे ही घोस्ट हैकर्स को किसी की मौत की जानकारी मिलती है। वो उसके सोशल मीडिया अकाउंट और दूसरे अकाउंट में सेंध लगाना शुरू कर देते हैं। इसके लिए वो सबसे पहले उस व्यक्ति से जुड़ी सारी जानकारी जुटाते हैं। जैसे उसके सोशल मीडिया को सर्च करना और सारी डिटेल्स जुटाना।
इसके बाद सेंध लगाने के लिए वो अपने पुराने हथकंडे अपनाते हैं। वो सोशल इंजीनियरिंग समेत दूसरे तरीकों का इस्तेमाल करके किसी के अकाउंट में सेंध लगाते हैं। इसके अलावा, वे कमजोर पासवर्ड को क्रैक करने, सुरक्षा सवालों के जवाब देकर पासवर्ड रीसेट करने की कोशिश करते हैं।
एक बार जब वे किसी के खाते तक पहुँच जाते हैं, तो वे कई अपराध करते हैं। चूंकि इन स्कैमर्स का अंतिम लक्ष्य पैसा कमाना होता है। इसलिए, किसी खाते तक पहुँच प्राप्त करने के बाद, वे उस दिशा में काम करते हैं। वे उस खाते से स्पैम भेज सकते हैं या उनकी चैट का फ़ायदा उठा सकते हैं।
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सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म मृतक लोगों के खातों को मैनेज करने का ऑप्शन हैं। उदाहरण के लिए, Facebook पर, कोई यूजर यह तय कर सकता है कि उसकी मृत्यु के बाद उसके खाते का क्या होगा। इसे कौन मैनेज कर सकता है या उसकी प्रोफ़ाइल निष्क्रिय कर दी जाएगी।
सिर्फ़ Facebook ही नहीं, Instagram और X पर भी ऐसे फ़ीचर उपलब्ध हैं। इन सभी प्लेटफ़ॉर्म पर आपको सेटिंग में जाकर इस सेटिंग को चालू करना चाहिए। आपको मेमोरियलाइज़ेशन विकल्प पर जाना होगा और लीगेसी अकाउंट चुनना होगा
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