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इंडिया न्यूज, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)। Gyanvapi Masjid Controversy : जैसा कि आप जानते ही है कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh ) के वाराणसी (Varanasi) में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां होने को लेकर हिंदू पक्ष की ओर से सर्वे की याचिका लगाई गई थी जो पूरा हो चुका है। अब सर्वे के बाद सुनवाई होनी है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के आदेशानुसार यह सुनवाई जिला जज द्वारा की जाएगी। सर्वे रिपोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर कई तरह के हिंदू संस्कृति के निशान पाए गए हैं जैसा-मंदिर की घंटी, कलश, कमल, नाग का फन आदि।
अब ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुनवाई से पहले काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) के महंत ने एक और बड़ा दावा कर दिया है। उनका कहना है कि मस्जिद के भूतल में एक और शिवलिंग है। उन्होंने 154 साल पुरानी तस्वीर (154 year old picture) दिखाते हुए कहा कि नंदी भगवान के पास लोग बैठते थे। इसके पास ही एक दरवाजा था जहां शिवलिंग है। यह भूतल में है।
बता दें कि सोमवार से जिला अदालत में सुनवाई की जाएगी। वाराणसी जिला अदालत में चार याचिकाएं हैं जिनपर सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जिला जज को 8 सप्ताह में ज्ञानवापी विवाद पर फैसला सुनाना है।
जानकारी अनुसार काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डा. कुलपति तिवारी (Mahant Dr. Vice Chancellor Tiwari) ने मांग की है कि शिवलिंग की पूजा पाठ की इजाजत मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, महंत का दायित्व है कि शिवलिंग की पूजा करें।
मैं दावे के साथ कहता हूं कि वहां नीचे शिवलिंग है। नीचे के शिवलिंग का पूजा पाठ 1992 से बंद है उसे शुरू करना चाहिए। मैं यह नहीं कहता कि श्रद्धालुओं को जाने की इजाजत मिले। लेकिन हमें पूजा कि परमिशन मिलनी चाहिए जिसके लिए मैं याचिका दाखिल कर रहा हूं।
इस मामले में बनारस के मुफ्ती अब्दुला बातिन नोमानी (Mufti Abdulla Batin Nomani) ने कहा, यह शिवलिंग नहीं फव्वारा है। फव्वारा ही था और यह इस्तेमाल में आता था। आज भी उस फव्वारे को चलते हुए देखने वाले लोग मौजूद हैं। वे गवाही दे सकते हैं।
इस सर्वे में शामिल फोटोग्राफर ने भी कहा कि जो कुआं था वह वजूखाने में डूबा हुआ था। ऐसे में वह फव्वारा कैसा हो सकता है? ऐसा कौन सा फव्वारा होगा जो एक फीट से ज्यादा पानी में डूबा हो और फिर पानी ऊपर फेंक सके।
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