संबंधित खबरें
पति-पत्नी के साथ सोती थी ननद, 4 साल बाद सामने आया ऐसा काला सच, सुनते ही टूट गए महिला के अरमान
महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टियों को लगा एक और झटका, अब विधानसभा में नहीं मिलेगा यह अहम पद, जानें क्या हैं कारण?
कार में था परिवार और सड़क पर गुस्साई भीड़ से मार खा रहा था पुलिसकर्मी… जाने क्या है मामला, वीडियो देख हो जाएंगे हैरान
जीत के बाद भी झारखंड में हारी कांग्रेस! हेमंत सोरेन ने दिया ऐसा तगड़ा झटका, अब राहुल गांधी हो गए चारों खाने चित?
चुनाव में मिली जीत का मन रहा था जश्न तभी हुआ कुछ ऐसा…मच गई चीख पुकार, वीडियो देख नहीं होगा आखों पर विश्वास
गौ मांस तस्करी रैकेट का हुआ भांडाफोड़, 5 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
India News (इंडिया न्यूज़), (Rakesh Sharma), Happy BIrthday Modi Ji : आज से तिहत्तर वर्ष पूर्व एकीकृत महाराष्ट्र और गुजरात के वड़नगर गाँव में एक अत्यंत साधारण से परिवार में एक बच्चे की किलकारियाँ गुंजायमान हुईं थी जिसका नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी है। आज उनका अवतरण दिवस है ।
अवतरण के समय इनके माता पिता या रिश्तेदार , अड़ोसी पड़ौसी ने स्वप्न में भी नहीं सोचा होगा की इस नौनिहाल की किलकारियाँ एक दिन पूरे विश्व में गुंजायमान होंगी। जी हाँ ,मैं भारत के यशस्वी प्रधान मंत्री, विश्व के सर्वश्रेष्ठ चर्चित और प्रशंसनीय नरेंद्र दास मोदी की बात कर रहा हूँ।
भगवत् गीता में चार योग की बात कही गई है : कर्म योग , ज्ञान योग, भक्ति योग और राज योग। मोदी जी के व्यक्तित्व को क़रीब से देखने पर लगता है की उन्होंने गीता के चारों योगों को जीवन में अपनाकर अक्षरशः जी रहें है। कर्मयोगी की भाँति कभी भी छुट्टी लिए बिना 365 दिन अनवरत कार्य करते रहते हैं, उनकी प्रेरणा और संकल्पना सिर्फ़ सुरक्षित, संरक्षित और विकसित भारत की है जहां सब समृद्ध हों, स्वस्थ हों और कोई भी वंचित और शोषित ना हो।
ग़रीबों की चिंता उन्हें इसलिए रहती है क्यूँकि उनका बचपन और जीवन ग़रीबी और अभाव में बीता है, ग़रीबी को उन्होंने जिया है, क़रीब से देखा है और इसलिए उनका हर निर्णय ग़रीबों के मद्देनज़र ही होता है।इसलिए अपने कर्मयोग से वह भारत को पुष्पित और पल्लवित कर नए भारत के निर्माण में जुटे हुए हैं।
पीएम मौदी ज्ञान योगी भी हैं। आध्यात्मिक ज्ञान तो उन्होंने साधु संतों के सान्निध्य में हिमालय की दुर्गम गुफाओं में बैठकर सत्रह वर्ष की अल्पायु में ही लिया लेकिन व्यावहारिक और सांसारिक ज्ञान की पिपासा उनके हृदय ने हर समय प्रज्ज्वलित रहती है। मुझे हैरानी होती है की वह हर विषय में इतने पारंगत कैसे है। उन्हें हर विषय की गहराई से जानकारी है, धाराप्रवाह, सारगर्भित और तत्काल बोलते हैं और ज्ञान योग को पूरी तरह जीते हैं।
संपूर्ण एकाग्रता से पीएम मोदी भारत राष्ट्र और देशवासियों की सेवा में जुटे है। वे सब सुविधाओं के होते एक संन्यासी का जीवन जी रहें है। अपने परिवार का मोह छोड़ उन्होंने पूरे राष्ट्र को अपना परिवार माना है और पूरी भक्ति के साथ राष्ट्र सेवा में जुटे हुए है। भक्ति योग का इससे सुंदर उदाहरण क्या हो सकता है। राष्ट्र के नागरिकों की सेवा में निरंतर रत रहने से बड़ी भक्ति क्या हो सकती है।
उनके जीवन में राजयोग़ तो अवश्य ही है । फ़र्श से अर्श पर बिना किसी के सहयोग, पारिवारिक पृष्ठभूमि , अभाव और ग़रीबी में जीते हुए भी सिर्फ़ अपने दृढ़ निश्चय, कार्यकुशलता, मेहनत , निःस्वार्थ जन कल्याण के कार्य करने के भाव के कारण ही पिछले 22 वर्ष से राज योग भोग रहें हैं और अब तो चक्रवर्ती सम्राट की तरह पूरा विश्व उनका नेतृत्व स्वीकार कर रहे है। यह विश्व स्वीकारोक्ति उन्हें हिंदू, हिंदुत्व के सिद्धांतों पर चलते हुए सनातन धर्म के दिखाए मार्ग पर प्रशस्त होते हुए बिना किसी राष्ट्र की सीमाओं पर हमला किए हासिल हुई है।
अब मोदी के कुछ धुर विरोधी मेरी धज्जियाँ उड़ाने का प्रयास करेंगे की मैं एक राजनेता को राष्ट्रीय संत क्यूँ कह रहा हूँ, क्यूँ राष्ट्रीय संत: नमो नमः कर रहा हूँ। मेरी बात की हंसी उड़ाने से पहले उन्हें संत की परिभाषा जाननी चाहिए , संत के मापदंडों को जानना चाहिए।संत वह होता है जिसे भगवान सृष्टि में विशेष कार्य करने के लिए भेजता है। मोदी जी हर वह कार्य कर रहे हैं जिसकी हमारे विपक्ष के राज नेताओं ने परिकल्पना भी नहीं की थी।
मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया, हर घर नल से जल, उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्मार्ट सिटी मिशन, भारत माला प्रोजेक्ट, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफ़र, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि योजना, विश्व को अपना परिवार मानकर करोना के समय विश्व के 100 देशों को मुफ़्त दवाइयाँ भिजवाना, भारत के अस्सी करोड़ लोगो को राशन की व्यवस्था करोना से अब तक करना। राष्ट की सुरक्षा को अभेद्य कवच देना इत्यादि इत्यादि। ऐसे कार्य केवल एक संत प्रवृति का व्यक्ति ही कर सकता है इसीलिए इन्हें राष्ट्रीय संत कहा है। हम प्रार्थना करते हैं की वह सदैव हम सब भारतवासियों और विश्व को इसी प्रकार नेतृत्व देते रहें।
प्रभु से प्रार्थना है वह दीर्घायु हों, स्वस्थ रहें, आनंदित रहें, प्रफुल्लित रहें, प्रसंचित्त रहें, और समृद्धशाली, वैभवशाली बनें, और अधिक यशस्वी, कीर्तिवान बने। हर पल उनके जीवन में आनंद , उत्साह और उमंग हो।
यह भी पढ़े:
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.