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हरे चश्मे से भगाता था भूत और नीले का था यह काम, भोले बाबा के ‘चश्मों के चमत्कार’ का काला सच उजागर

Rajesh kumar • LAST UPDATED : July 4, 2024, 8:02 pm IST

India News(इंडिया न्यूज), Hathras accident Narayan Sakar Hari: हाथरस भगदड़ हादसे में अब तक 123 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। यूपी पुलिस की जांच टीम ने गुरुवार को इस मामले में चार पुरुषों और दो महिलाओं समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, बाबा नारायण साकार विश्व हरि उर्फ ​​’भोले बाबा’ के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

यूपी पुलिस का कहना है कि जरूरत पड़ने पर बाबा से पूछताछ की जाएगी। हालांकि, बाबा अभी कहां हैं इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन बाबा के चमत्कार को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं। देश में अक्सर साधु-संत और बाबा भगवा वस्त्र पहने नजर आते हैं, लेकिन नारायण साकार हरि की गिनती सूट-बूट पहनने वाले बाबाओं में होती थी। वह अपने सत्संग में सूट, बूट और टाई पहनकर आते थे।

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इसके साथ ही वह आंखों पर नए रंग का धूप का चश्मा भी लगाते थे। बाबा नारायण साकार हरि के चश्मे को लेकर भी कई तरह के रहस्य हैं। कहा जाता है कि नारायण साकार हरि उर्फ ​​’भोले बाबा’ हर मंगलवार को रंगीन चश्मा पहनते थे। इससे वह भक्तों को दिव्य दृष्टि से ठीक करने का दावा करते थे।

बाबा के चश्मे का रहस्य क्या है?

बाबा नारायण साकार हरि के अलग-अलग चश्मों की अलग-अलग कहानियां हैं। नीले रंग के चश्मे से वह बीमार लोगों पर दिव्य दृष्टि डालकर उन्हें ठीक करने का दावा करते थे। हरे रंग के चश्मे से वह भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं को दूर करने का दावा करते थे। भक्तों का मानना ​​है कि जब बाबा अपनी आंखों से यह चश्मा हटाते थे तो लोग उनकी दिव्य दृष्टि से ठीक हो जाते थे। इसके लिए उनके सेवकों द्वारा पहले से ही मरीजों की पहचान कर उन्हें सामने बैठा दिया जाता था। जिन लोगों का जीवन ठीक नहीं चल रहा होता था, उन्हें शांति देने के लिए बाबा भूरा और काला चश्मा पहनते थे। आम दिनों में बाबा आंखों से संपर्क के लिए चश्मा पहनते थे।

सत्संग में भगदड़ से 123 भक्तों की मौत

इसी तरह बाबा के कई चमत्कार हैं, जिनके लिए लोग बड़ी संख्या में जुटते थे। पिछले मंगलवार को भी हाथरस जिले के फुलेराई गांव में नारायण साकार विश्व हरि उर्फ ​​’भोले बाबा’ के कार्यक्रम में भक्तों की भीड़ उमड़ी थी। सत्संग खत्म होने के बाद जब बड़ी संख्या में लोग बाबा की चरण धूलि लेने के लिए आगे बढ़े तो भगदड़ मचने से 123 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। घटना में 31 अन्य घायल हो गए। सभी का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

लाखों में है बाबा के अनुयायियों की संख्या

खुद को भगवान के बराबर बताने वाले ‘भोले बाबा’ के अनुयायियों की संख्या लाखों में है। हाथरस में हुई घटना के बाद आसपास के इलाकों में उनके अनुयायियों में शोक का माहौल है। ‘भोले बाबा’ का सबसे बड़ा आश्रम उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में बताया जाता है। पुलिस ने बुधवार से ही इस आश्रम के बाहर के इलाके की घेराबंदी कर रखी है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि बाबा आश्रम के अंदर हैं या नहीं।

नारायण साकार विश्व हरि उर्फ ​​’भोले बाबा’ के प्रवचनों के कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें वे खुद को भगवान का अवतार बताते नजर आ रहे हैं। इसमें वे कहते नजर आ रहे हैं, मैं मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद और चर्च जाता हूं, जहां भी मुझे बुलाया जाता है, मैं जाता हूं। अगर मुझे बुलाया नहीं जाता तो मैं नहीं जाता।

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