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बीच सड़क पर 5 लाख रुपयों से भरा झोला मिला तो असली मालिक तक पहुंचाने घण्टों परेशान होते रहे पिता-पुत्र Honesty of Father and Son in Guna

BY: Bharat Kumar Mishra • LAST UPDATED : April 18, 2022, 8:48 pm IST
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बीच सड़क पर 5 लाख रुपयों से भरा झोला मिला तो असली मालिक तक पहुंचाने घण्टों परेशान होते रहे पिता-पुत्र Honesty of Father and Son in Guna

Honesty of Father and Son in Guna

इंडिया न्यूज़, मध्य प्रदेश।
Honesty of Father and Son in Guna : वैसे तो नेकी की अनेक मिसालें देखने और सुनने को मिलती हैं, नेकी की दीवार के लिए भी गुना प्रसिद्ध है लेकिन जिस दौर में बुरे काम अधिक हो रहे हों तब कोई एक सद्कार्य भी खबरों की सुर्खी बन जाता है। सोमवार को शहर के एक उच्च शिक्षित युवक ने नेकी का परिचय देते हुए नोटों से भरे बैग को प्रशासन के सुपुर्द कर दिया। युवक को यह बैग पुरानी गल्ला मंडी क्षेत्र में मिला था, जिसके असली मालिक को ढूढऩे के लिए युवक और उसके पिता लगभग दो घंटे तक परेशान होते रहे।

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वाकया कुछ इस प्रकार हुआ कि शहर के जाने-माने बर्तन व्यवसायी मनोज रावत के पुत्र इंजी. विशाल रावत को पुरानी गल्ला मंडी में स्थित शास्त्री पुल सड़क पर बैग पड़ा दिखाई दिया। विशाल ने तत्परता दिखाते हुए बैग खोला तो उसमें नोटों की गड्डियां भरी हुई थीं। विशाल ने जागरुकता और चतुराई का परिचय देते हुए पहले यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि बैग में रखी रकम असली मालिक तक पहुंचना चाहिए। इसके लिए उन्होंने अलग-अलग तरीके से आसपास के दुकानदारों से पूछताछ की। जब कोई कुछ समझ नहीं पाया तो विशाल ने अपने पिता मनोज रावत को पूरी घटना बताई।

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उन्होंने विशाल के साथ मौके पर आकर दुकानदारों से सुरागरसी करने की कोशिश की, लेकिन जब पिता-पुत्र को बैग का असली मालिक नहीं मिला तो उन्होंने नोटों से भरा बैग गुना कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. को सौंप दिया। लगभग उसी समय बैग और नोटों के असली मालिक और सदर बाजार क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यवसायी गिर्राज पंसारी अपना बैग ढूढ़ते हुए पुलिस के सीसीटीवी कंट्रोल रूम पहुंच गए। जहां वह कैमरों के जरिए बैग तलाश रहे थे। तभी उन्हें खबर मिली कि उनके रुपए और बैग सुरक्षित है और वह कलेक्ट्रेट पहुंच जाएं। तब जाकर गिर्राज ने बताया कि वह लगभग साढ़े 4 लाख रुपए की राशि बैंक में जमा करने के लिए निकले थे। इसी दौरान संभवत: किसी का धक्का लगा हो या फिर भीड़ की वजह से बैग गाड़ी से गिर गया। अपनी राशि प्राप्त कर गिर्राज ने जागरुक युवा विशाल और उनके पिता द्वारा की गई नेकी के लिए धन्यवाद दिया। इस तरह एक युवक की जागरुकता की वजह से एक बार फिर गुना का नाम नेकी के क्षेत्र में रोशन हुआ।

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