Hindi News / Indianews / How Tamil Nadu Given 69 Percent Reservation And Bihar 65 Limit Down By Hc India News

बिहार से महाराष्ट्र तक हुआ खारिज, जानें तमिलनाडु में कैसे मिलता है 69% आरक्षण

India News(इंडिया न्यूज),Bihar 65 Percent Reservation Bill: पटना हाईकोर्ट ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने 65 फीसदी के जाति आधारित आरक्षण को खारिज कर दिया है और इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा है कि यह 50 फीसदी की सीमा को तोड़ता है। कोर्ट के इस फैसले के […]

BY: Rajesh kumar • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

India News(इंडिया न्यूज),Bihar 65 Percent Reservation Bill: पटना हाईकोर्ट ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने 65 फीसदी के जाति आधारित आरक्षण को खारिज कर दिया है और इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा है कि यह 50 फीसदी की सीमा को तोड़ता है। कोर्ट के इस फैसले के बाद नीतीश कुमार सरकार के सामने ओबीसी और अति पिछड़े वर्ग के लोगों को खुश करने की चुनौती है। इन वर्गों को जाति आधारित सर्वे कराने के बाद बढ़ा हुआ आरक्षण दिया गया था।

हालांकि बिहार पहला ऐसा राज्य नहीं है जहां इस तरह से आरक्षण की सीमा बढ़ाने की कोशिश को कोर्ट ने झटका दिया हो। बिहार से पहले महाराष्ट्र, कर्नाटक और हरियाणा जैसे राज्यों में ऐसा हो चुका है। फिर भी एक राज्य तमिलनाडु है जो अपवाद है। यहां पिछले 35 सालों से लगातार 69 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है।

मेट्रो में गर्लफ्रेंड-ब्वॉय फ्रेंड की कूटा-कुटी, थपड़ों की हुई बरसात, वीडियो देख रोक नहीं पाएंगे हंसी

Nitish Kumar

Jaishankar: दूसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा पर श्रीलंका पहुंचे एस जयशंकर, पोस्ट शेयर कर दी जानकारी-Indianews

दरअसल, साल 1992 के ऐतिहासिक फैसले में शीर्ष अदालत ने इंदिरा साहनी केस में जाति आधारित आरक्षण की सीमा 50 फीसदी तय की थी। ऐसे में सवाल उठता है कि फिर तमिलनाडु में 69 फीसदी जाति आधारित आरक्षण क्यों दिया जा रहा है। दरअसल, यह कहानी करीब 50 साल पुरानी है। 1971 तक तमिलनाडु में सिर्फ 41 फीसदी आरक्षण था। फिर जब अन्नादुरई की मौत के बाद करुणानिधि सीएम बने तो उन्होंने सत्तानाथ आयोग का गठन किया।

इस आयोग की सिफारिश पर उन्होंने 25 फीसदी ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 31 फीसदी कर दिया। इसके अलावा एससी-एसटी का कोटा 16 से बढ़ाकर 18 कर दिया गया। इस तरह राज्य में कुल जातिगत आरक्षण बढ़कर 49 फीसदी हो गया।

बता दें कि 1980 में सत्ता में आई एआईएडीएमके सरकार ने पिछड़े वर्गों का कोटा बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया। एससी-एसटी को पहले से ही 18 फीसदी आरक्षण प्राप्त था। इस तरह राज्य में कुल आरक्षण 68 फीसदी हो गया। इसके बाद 1989 में जब करुणानिधि की सरकार सत्ता में आई तो इस कोटे में अति पिछड़ों के लिए 20 फीसदी आरक्षण अलग से दिया जाने लगा। इसके बाद 1990 में मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के बाद 18 फीसदी एससी आरक्षण के अलावा 1 फीसदी एसटी कोटा अलग से दिया जाने लगा। इस तरह राज्य में कुल कोटा बढ़कर 69 प्रतिशत हो गया।

NEET पेपर लीक में आरोपी छात्र का कबूलनामा, फूफा ने करवाई सेटिंग, रातों रात हुआ खेल -IndiaNews

क्या है इंदिरा साहनी केस?

इसके बाद 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी केस में अपना फैसला सुनाया। इसमें कहा गया कि जाति आधारित आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 16(4) का हवाला देते हुए यह आदेश दिया। इसके बाद 1993-94 में जब शिक्षण संस्थानों में दाखिले की बात आई तो तत्कालीन जयललिता सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उसने आदेश दिया कि इस साल पुराने आरक्षण के साथ दाखिला लिया जा सकता है, लेकिन अगले सत्र से 50 प्रतिशत की सीमा के नियम का पालन करना होगा। इस पर जयललिता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। यहां भी उसे झटका लगा।

जयललिता की वजह से तमिलनाडु का 69 प्रतिशत आरक्षण हुआ पक्का

कोर्ट से झटका लगने के बाद जयललिता सरकार ने नवंबर 1993 में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया और प्रस्ताव पारित किया गया। फिर वह इस प्रस्ताव को लेकर तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार के पास गई। तब सरकार ने तमिलनाडु आरक्षण कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाल दिया था। दरअसल यहां मुद्दा यह है कि नौवीं अनुसूची में शामिल विषयों की समीक्षा न्यायालय में नहीं की जा सकती। इस तरह तमिलनाडु में 69 प्रतिशत आरक्षण निर्बाध रूप से जारी है। इसीलिए अक्सर दूसरे राज्यों की ओर से मांग होती है कि उनके राज्यों में आरक्षण के विषय को भी नौवीं अनुसूची में डाला जाए।

कौन हैं NTA के डीजी सुबोध कुमार ? पेपर लीक मामले पर केंद्र सरकार ने किया तलब

Tags:

India newsIndia News in HindiNational News In HindiPatna High Courtइंडिया न्यूज

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

Advertisement · Scroll to continue