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ऐसे काम करती है विवादों में घिरी NTA, इस तरह हुई थी इसकी स्थापना

Rajesh kumar • LAST UPDATED : June 28, 2024, 1:22 am IST

India News (इंडिया न्यूज़),National Testing Agency: राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर विवादों में घिरी हुई है। पिछले सप्ताह एजेंसी के महानिदेशक को हटा दिया गया था। एजेंसी की परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार की जरूरत को देखते हुए एक उच्च स्तरीय पैनल इसके कामकाज की समीक्षा कर रहा है। पैनल दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। आइए जानते हैं कैसे काम करती है यह एजेंसी..

एनटीए का गठन अमेरिका की ईटीएस (एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विस) की तर्ज पर किया गया था। इसकी स्थापना का विचार पहली बार 1992 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 से संबंधित कार्ययोजना में आया था। इसमें राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा एजेंसी के गठन की सिफारिश की गई थी। 2010 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के निदेशकों वाली एक समिति ने स्वायत्तता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कानून के जरिए एजेंसी की स्थापना की सिफारिश की थी।

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एनटीए की स्थापना की घोषणा 2017 में की गई थी, जिसके बाद कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी थी। ये परीक्षाएं एनटीए द्वारा आयोजित की जाती हैं। एनटीए तीन शीर्ष स्नातक प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करता है, जिसमें इंजीनियरिंग के लिए जेईई-मेन, चिकित्सा के लिए नीट-यूजी और कई अन्य स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीयूईटी-यूजी परीक्षाएं शामिल हैं। स्नातकोत्तर प्रवेश के लिए, एजेंसी सीयूईटी-पीजी, यूजीसी-नेट और सीएसआईआर यूजीसी-नेट आयोजित करती है।

इसके अलावा, एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में कॉमन मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (सीएमएटी), होटल मैनेजमेंट ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम, ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट और दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के लिए प्रवेश परीक्षाएं भी शामिल हैं। ग्रेस मार्क्स को लेकर शुरू हुआ विवाद एनटीए को उस समय आलोचनाओं का सामना करना पड़ा जब इस साल सात केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने में देरी के कारण समय के नुकसान की भरपाई के लिए 1,563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए गए।

इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं, जिसमें आरोप लगाया गया कि अंकों में वृद्धि के कारण रिकॉर्ड 67 उम्मीदवार शीर्ष स्थान पर आ गए। बाद में, ग्रेस मार्क्स वापस ले लिए गए और इन उम्मीदवारों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित की गई। प्रश्नपत्र लीक हो गया था

इसके बाद बिहार पुलिस की जांच में पता चला कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया था। इसे देखते हुए एहतियात के तौर पर यूजीसी-नेट को आयोजित होने के एक दिन बाद ही रद्द कर दिया गया था। शिक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि परीक्षा का पेपर डार्कनेट पर लीक हो गया था। इसके बाद सीएसआईआर यूजीसी-नेट को भी स्थगित कर दिया गया।

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एजेंसी ऐसे करती है परीक्षा केंद्रों का चयन

एजेंसी अपने पास पहले से उपलब्ध केंद्रों की आधार सूची से परीक्षा केंद्रों की पहचान करती है। इस सूची में वे सरकारी स्कूल शामिल हैं जो सीबीएसई और एनटीए जैसी संस्थाओं की ओर से परीक्षा आयोजित करते रहे हैं। अगर आधार सूची में पर्याप्त स्कूल नहीं हैं तो एनटीए एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों और कॉलेजों को भी सूचीबद्ध कर सकता है। अगर किसी स्कूल या उच्च शिक्षा संस्थान ने पहले भी एनटीए के लिए सफलतापूर्वक परीक्षा आयोजित की है तो भी एजेंसी को हर साल उनकी सहमति लेनी होगी। यह प्रक्रिया एनटीए डैशबोर्ड पर होती है, जहां सभी परीक्षा केंद्रों की आधार सूची अपलोड की जाती है।

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