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India News (इंडिया न्यूज़), Jharkhand Politics: झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने शनिवार, 2 मार्च को आरोप लगाया कि अगर बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव में नहीं हारी तो वह आदिवासियों की जमीन लूट लेगी और उन्हें जंगलों से बेदख कर देगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार ने आदिवासी अधिकारों की रक्षा करने वाले विभिन्न कानूनों में संशोधन करने का प्रयास किया है। लेकिन राज्य में गठबंधन सरकार ऐसे प्रयासों का विरोध करेगी।
सदन से भाजपा विधायकों के वॉकआउट के बीच सीएम राज्य विधानसभा में अपना समापन भाषण दे रहे थे। 23 फरवरी से शुरू हुए विधानसभा के सात दिवसीय बजट सत्र को विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। सत्र के समापन दिन अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय विधेयक, 2024 सहित चार विधेयक पारित किए गए।
रवीन्द्र नाथ महतो ने कहा, इस बजट सत्र में पिछले चार वर्षों में सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1,28,900 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया और सरकार ने 2029-30 तक झारखंड को 10 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने वन अधिकार अधिनियम में संशोधन किया है, जिसके तहत ग्राम सभा की शक्ति छीन ली गई है। इसी तरह, कोयला धारक क्षेत्र (अधिग्रहण और विकास) अधिनियम और छोटानागपुर में भी संशोधन करने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने संशोधनों के माध्यम से रणनीतिक रूप से आदिवासियों को जंगल, कोयला वाले क्षेत्रों और अन्य स्थानों से बाहर निकालने की योजना बनाई है। अगर आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा नहीं हारी तो आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल कर दिया जाएगा।
सोरेन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भाजपा की रणनीति को समझ गये हैं। इसलिए, उन्हें जमीन के मुद्दे पर जेल में डाल दिया गया, जबकि उनका नाम कहीं भी नहीं है। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार ने राज्य की शिक्षा, सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम किया है ताकि “सभी के लिए रोटी, कपड़ा और मकान सुनिश्चित किया जा सके।
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