Hindi News / Indianews / In Conversation Why Shouldnt India Support Israel

बातों बातों में – इजरायल का साथ क्यों न दे भारत?

India News,(इंडिया न्यूज), बातों बातों में –14 मई 1948 को जब इजरायल देश बना तो उसी रोज अमेरिका ने उसको मान्यता दी क्योंकि वह संयुक्त राष्ट्र के फैसले से देश बनाया गया था। हमने तो संयुक्त राष्ट्र में इजरायल बनाने के प्रस्ताव का विरोध किया था। जब देश बन गया तो उसको मान्यता देने में […]

BY: Rana Yashwant • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

India News,(इंडिया न्यूज), बातों बातों में –14 मई 1948 को जब इजरायल देश बना तो उसी रोज अमेरिका ने उसको मान्यता दी क्योंकि वह संयुक्त राष्ट्र के फैसले से देश बनाया गया था। हमने तो संयुक्त राष्ट्र में इजरायल बनाने के प्रस्ताव का विरोध किया था। जब देश बन गया तो उसको मान्यता देने में काफी देर लगाई।1950 में इजरायल को जब मान्यता दी तो भारत ऐसा करने वाला आखिरी गैर मुस्लिम देश था। यानी मुस्लिम देशों को छोड़कर समूची दुनिया में भारत ने आखिरी देश था।

 1953 में कांसुलेट दफ्तर खोलने की अनुमति

मान्यता देने के तीन साल बाद हमने 1953 में इजरायल को मुंबई में अपना कांसुलेट दफ्तर खोलने की अनुमति दी गई मगर नई दिल्ली में दूतावास खोलने पर रजामंदी नहीं हुए।
हमारे प्रधानमंत्रियों ने मसलन पंडित नेहरु, इंदिरा गांधी ने फिलिस्तीन के साथ रिश्तों को आगे बढ़ाया। हमने फिलिस्तीन के हक में दुनिया में आवाज बुलंद की, फिलिस्तीन को समर्थन दिया।

इस मुस्लिम देश के रास्ते पूरा करना चाहता था अपना मकसद, एयरपोर्ट पर ही हो गया बड़ा कांड, पूरा मामला जान पैरों तले खिसक जाएगी जमीन

बातों बातों में – इजरायल का साथ क्यों न दे भारत?

इजरायल को दूर रखने का कारण

इजरायल को दूर रखने का कारण यह था कि फिलिस्तीन मुस्लिम देशों के लिए स्वाभिमान का सवाल बन गया था। इसका असर यह था कि देश की सरकार या कुछ पार्टियों को लगता था कि कि अगर इजरायल का साथ दिया तो मुस्लिम वोटर हाथ से निकल जाएगा हमने शायद देश की चिंता कम औऱ वोट की ज्यादा की। अरब देशों को खुश रखने और फिलिस्तीन के साथ खड़ा रहने का सिला भारत को क्या मिला।

अरब देशों ने पाकिस्तान का किया समर्थन

1962 में चीन ने जब भारत पर हमला किया तो अरब देश ने तटस्थ रहने का विकल्प चुना। जब 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ तो अरब देशों ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया। 1971 के बांग्लादेश युद्द में भी हमें अरब देशों का साथ नहीं मिला।
अब इजरायल पर आइए उसने दोनों युद्दों में यानी 62 औऱ 65 में कोई राजनयिक कूटनीतिक संबंध नहीं होने के बावजूद हथियारों के जरिए हमारी मदद की।

इजरायल ने हथियार,के साथ दिया भारत का साथ

1971 में जब बांग्लादेश को आजाद कराने के लिए भारतीय सेना पाकिस्तानी फौज को भगाने उतरी जिसमें अरब देश साथ नहीं आए उस युद्द में भी इजरायल ने हथियार, गोला-बारूद के साथ साथ खुफिया जानकारी भी हमें दी। ऐसा ही उसने 1999 के करगिल युद्ध में भी किया।

इसका नतीजा ये हुआ कि भारत में एक राय यह बनने लगी कि जब हमें जरुरत होती है तो अरब देशों से कोई मदद नहीं मिलती, अलबत्ता वे तमाशाइयों की तरह देखते रहते हैं। जबकि भारत फिलिस्तीन का लगातार समर्थन करता रहा है। दूसरी ओर इजरायल है जिसका हमने कभी अच्छा नहीं किया फिर भी वह हर जरुरी मौके पर मदद लेकर खड़ा हो जाता है।

संबंधों की गाड़ी नहीं बढीं आगे

देश में इसी राय के चलते नरसिंहराव सरकार ने 1992 में इजरायल के साथ राजनयिक संबंध बनाए। यानी दोनों देशों के एक दूसरे के यहां दूतावास खुले मगर संबंधों की गाड़ी कुछ खास आगे नहीं बढ सकी मामला वही कि कहीं मुस्लिम मतदाता नाराज हो जाएगा।

जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने तो भारत ने इजरायल के साथ रिश्ते बेहतर करने शुरु किए. 2003 में पहली बार भारतीय विदेश मंत्री जसवंत सिंह इजरायल गए, लेकिन जैसे ही मनमोहन सिंह की अगुआई में यूपीए की सरकार बनी, बात फिर पुराने ढर्रे पर लौट आई।

सरकार पर लेफ्ट पार्टियों का था दबाव

सरकार इजरायल के साथ संबंधों को खुलकर आगे बढ़ाने में हिचकिचाने लगी. इसका कारण एक तो सरकार पर लेफ्ट पार्टियों का दबाव था, और दूसरा मध्य-पूर्व की नीति को लेकर कांग्रेस की भ्रम की स्थिति थी। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इजरायल के साथ दोस्ती और आपसी सहयोग दोनों बेहिसाब बढे।

नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में डेढ साल के अंदर तब के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी इजरायल गए, औऱ उस देश का दौरा करनेवाले वे पहले राष्ट्रपति थे। नरेंद्र मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री बने जब 2017 में वे इजरायल गए अगले साल यानी 2018 में नेतन्याहू भारत दौरे पर आए इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से नरेंद्र मोदी की मित्रता भी गहरी है।

भारत इजरायल दोस्ती के साथ भरोसा

आज भारत इजरायल दुनिया के ऐसे दो देश हैं जिनके बीच दोस्ती, भरोसा, सहयोग और समर्थन का घोषित संबंध है। अंतरिक्ष, सूचना, रक्षा, व्यापार, कृषि, संस्कृति औऱ आंतकवाद का मुकाबला करने के लिहाज से दोनों देशों ने अपने सहयोग को नई ऊंचाई दी है। आज की तारीख में भारत अब इजरायली हथियारों के सबसे बड़े खरीददारों में से एक है।

दोनों देशों के बीच कई साझा सैन्य अभ्यास

पिछले कुछ सालों में दोनों देशों ने कई साझा सैन्य अभ्यास किए हैं। इजरायल में बने चार हेरोन मार्क-2 ड्रोन भारत की सीमाओं पर गश्त लगाते हैं हमने इजरायल से उन्हें लिया है। हेरोन ड्रोन जरुरत पड़ने पर हथियार भी ले जा सकते हैं घुसपैठ का पता लगाने के लिए हैंडहेल्ड थर्मल इमेजिंग डिवाइस और नाइट विजन जैसे उपकरण जिनका इस्तेमाल हमारे जवान करते हैं, वे इजरायली हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने हमास हमले का किया विरोध

भारत और इजरायल ने मिलकर बराक-8 वायु और मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी डेवलप किया है। मौजूदा दौर में जब आतंक औऱ कई तरह के तकनीकी खतरे बढते जा रहे हैं। उस समय इजरायल जैसा मित्र देश कई तरह से मददगार हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने हमास के हमले के तुरंत बाद उसका विरोध कर औऱ इजरायल के साथ होने का एलान कर के समर्थ औऱ नीतिगत रुप से साहसिक देश की मिसाल रखी है।

ये भी पढ़ें-

Israel-Hamas War: नवजात बच्चों के साथ हमास की हैवानियत देख भड़के ब्लिंकन, दिया बड़ा बयान

 Israel Hamas War: इजरायल दौरे के दौरान बोले एंटनी ब्लिंकन, राष्ट्रपति बाइडन के रूख को किया साफ

Tags:

India newsindianews.comindianews.inबातों बातों में

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

श्री श्री रविशंकर ने होली पर्व को लेकर कहा – ‘रंगों में छिपा जीवन का संदेश’…रंग केवल दृश्य सौंदर्य ही नहीं, बल्कि भावनाओं के भी प्रतीक, जाने क्या है रंगों का गहरा अर्थ
श्री श्री रविशंकर ने होली पर्व को लेकर कहा – ‘रंगों में छिपा जीवन का संदेश’…रंग केवल दृश्य सौंदर्य ही नहीं, बल्कि भावनाओं के भी प्रतीक, जाने क्या है रंगों का गहरा अर्थ
जब कलियुग में हुआ चीर हरण वाला कांड, इस पावरफुल महिला के खींचे गए बाल…नोंची गई साड़ी, देखकर कांप गई पूरी दुनि
जब कलियुग में हुआ चीर हरण वाला कांड, इस पावरफुल महिला के खींचे गए बाल…नोंची गई साड़ी, देखकर कांप गई पूरी दुनि
नगर परिषद की बैठक में हुआ ऐसा हंगामा, हाथापाई तक की आई नौबत, आक्रोशित हुए कांग्रेस के नेता
नगर परिषद की बैठक में हुआ ऐसा हंगामा, हाथापाई तक की आई नौबत, आक्रोशित हुए कांग्रेस के नेता
सोनीपत में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 9 दबोचे, जानिए अमेरिकी नागरिकों को ऐसे बना रहे थे शिकार
सोनीपत में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 9 दबोचे, जानिए अमेरिकी नागरिकों को ऐसे बना रहे थे शिकार
होली खेलने से पहले अपने चेहरे पर जरूर लगाएं ये चीज, रंग लगाने के बाद भी चमकता रहेगा चेहरा, त्वचा को नहीं होगा थोड़ा भी नुकसान
होली खेलने से पहले अपने चेहरे पर जरूर लगाएं ये चीज, रंग लगाने के बाद भी चमकता रहेगा चेहरा, त्वचा को नहीं होगा थोड़ा भी नुकसान
Advertisement · Scroll to continue