India News (इंडिया न्यूज), Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड में नवंबर में दो चरणों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ हेमंत सोरेन सरकार भारतीय जनता पार्टी के चुनावी संकल्प ‘रोटी, बेटी और माटी’ पर घिरती हुई नजर आ रही है। हम आपको बतातें चलें कि, झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के बढ़ते खतरे को देखते हुए भाजपा ने रोजगार, महिला-सम्मान और जमीन बचाने का मंत्र परिवर्तन यात्रा में दिया है। भाजपा ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव “रोटी, बेटी और माटी” बचाने का चुनाव है। भाजपा के इस चुनावी संकल्प को राज्य के लोगों खासकर महिलाओं का काफी सपोर्ट मिल रहा है।
आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी कमर कस ली है। दरअसल भाजपा ने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, अवैध घुसपैठियों, बेरोजगारी और लव जिहाद के मुद्दों से निपटने का संकल्प लिया है। हम आपको बतातें चलें कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अवैध घुसपैठ के मुद्दे को संसद में उठाया था। तब से ये बात स्पष्ट हो गयी थी कि भाजपा झारखंड चुनाव के लिए मैदान तैयार कर रही है। भाजपा के ‘बेटी, रोटी और माटी’ चुनावी अभियान का मकसद राज्य और उसके निवासियों को एक सुरक्षित माहौल देना है, जिसमें उनको उनके अधिकार मिल सके।
Jharkhand Assembly Election 2024 ( भाजपा इस संकल्प के साथ JMM को करेगी पराजित )
हम आपको बतातें चलें कि भाजपा के झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान हैं। उन्होंने कहा है कि, “झारखंड की माताएं, बहनें, बेटियां अपील कर रही हैं कि झारखंड की माटी, रोटी, बेटी संकट में है। माटी मतलब विदेशी घुसपैठियां आ रहे हैं, बेटी मतलब बेटियां सुरक्षित नहीं है और रोटी मतलब रोजगार नहीं है और इसलिए वो अपील कर रही हैं कि माटी, रोटी, बेटी बचा लीजिए। मैं अपनी बहनों को भाजपा की ओर से कहना चाहता हूं कि हम माटी, रोटी, बेटी को सुरक्षित करेंगे। भाजपा का संकल्प है कि हम रोजगार भी देंगे और विदेशी घुसपैठ नहीं होने देंगे।”
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भाजपा के दावे के अनुसार बांग्लादेशी घुसपैठियों ने झारखंड के कई क्षेत्रों में अवैध रूप से बसेरा बना लिया है। अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ का खतरा सबसे ज्यादा संथाल परगना में है। अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों का सबसे बड़ा खतरा दुमका, गोड्डा और पाकुड़ जिले में हैं। झारखंड में फिलहाल सबसे ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिए पाकुड़ में आए हैं। 2011 की जनगणना के मुताबिक पाकुड़ में जनसंख्या वृद्धि दर आधिकारिक तौर 28 फीसदी थी। हाल ही में एक सत्यापन प्रक्रिया से पता चला है कि पाकुड़ के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में मतदाता बढ़ोतरी दर 65 प्रतिशत है।