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भारतीय सेना को मिली मिली नई सौगात, सेना के लिए ब्रम्हास्त्र बनेगा यह ड्रोन

Rajesh kumar • LAST UPDATED : June 14, 2024, 4:51 pm IST
भारतीय सेना को मिली मिली नई सौगात, सेना के लिए ब्रम्हास्त्र बनेगा यह ड्रोन

India News(इंडिया न्यूज),Nagastra Drone: भारतीय सेना लगातार अपने बेड़े को मजबूत कर रही है। जल्द ही एक खास तरह के मानवरहित ड्रोन मिलने से भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ने वाली है। इस मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) का नाम ‘नागास्त्र’ है, जो भारतीय सेना के लिए किसी ब्रह्मास्त्र से कम नहीं होगा।

नागपुर की एक कंपनी ने भारत में बना पहला स्वदेशी लोइटरिंग म्यूनिशन यानी नागस्त्र-1 सेना को सौंप दिया है। इससे सेना के लिए खुद को कोई नुकसान पहुंचाए बिना दुश्मनों का खात्मा करना बेहद आसान हो जाएगा। यह पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के बीहड़ इलाकों में भी दुश्मन सेना का आसानी से सफाया कर देगा। नागपुर की कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज ने नागपुर की सब्सिडरी इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड के साथ मिलकर यह ड्रोन बनाया है।

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पहले ही किया जा चुका है इसका परीक्षण

भारतीय सेना ने आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत सोलर इंडस्ट्रीज इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (ईईएल) को करीब 480 नागस्त्र का ठेका दिया था इसके बाद कंपनी ने सेना के आर्मी एम्युनिशन डिपो को 120 लोइटरिंग म्यूनिशन सौंपे। पिछले साल चीन सीमा के पास लद्दाख की नुब्रा घाटी में इस हथियार का सफल परीक्षण किया गया था। इसका मतलब है कि भविष्य में सर्जिकल स्ट्राइक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ड्रोन सीमा के इस पार से उड़ान भरेगा, यह दुश्मन के घर में घुसकर आत्मघाती हमला करने में सक्षम होगा।

सेना का नया आत्मघाती ड्रोन ‘नागास्त्र-1 ड्रोन’

इन आत्मघाती ड्रोन का ऑर्डर पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन दोनों सीमाओं पर निगरानी के दौरान तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए दिया गया था, इतना ही नहीं, ऑर्डर के एक साल के अंदर ही इसे भारतीय सेना को सौंप दिया गया। यह ड्रोन बेहद खास है, आम भाषा में इस ड्रोन को आत्मघाती ड्रोन कहा जा सकता है लेकिन सेना की भाषा में इसे लोइटरिंग म्यूनिशन कहा जाता है। स्वदेशी नागास्त्र-1 ड्रोन में कामिकेज मोड है, जिसके जरिए यह दो मीटर तक जीपीएस की मदद से किसी भी खतरे को बेअसर कर सकता है। इस ड्रोन का वजन 9 किलोग्राम है जो 30 मिनट तक उड़ान भर सकता है। यह निगरानी और हमला करने में सक्षम है और इससे रियल टाइम वीडियो भी बनता है। इस ड्रोन की मैन इन लूप रेंज 15 किलोमीटर और ऑटोनॉमस मोड रेंज 30 किलोमीटर है।

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इस नागस्त्र ड्रोन की खासियत क्या है?

यह 200 मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर दुश्मन का पता लगाने का काम करता है, इसके अलावा यह ड्रोन दुश्मन के टैंक, बंकर, बख्तरबंद वाहन, हथियार डिपो या सैन्य समूहों पर सीधा हमला कर सकता है। नागस्त्र एक फिक्स्ड विंग ड्रोन है। इसके पेट में विस्फोटक रखकर दुश्मन के ठिकाने पर हमला किया जा सकता है। नागस्त्र 1 की सबसे बड़ी खासियत दुश्मन पर चुपचाप हमला करना है। इससे दुश्मन को संभलने का मौका नहीं मिलता। इस ड्रोन से चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर सटीक हमला किया जा सकता है। ड्रोन की खासियतों पर गौर करें तो यह ऊंचे इलाकों में ऊंचे तापमान पर काम कर सकता है। इस ड्रोन को पैदल चलने वाले सैनिकों के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें कम आवाज और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन है जो इसे साइलेंट किलर बनाता है और इसका इस्तेमाल कई तरह के सॉफ्ट स्किन टारगेट के खिलाफ किया जा सकता है।

पारंपरिक मिसाइलों और सटीक हथियारों से अलग यह एक कम लागत वाला हथियार है जिसका इस्तेमाल सीमा पर घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के समूहों को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है। इस ड्रोन की एक और खासियत पैराशूट रिकवरी मैकेनिज्म है, जो मिशन के निरस्त होने पर गोला-बारूद को वापस ला सकता है। ऐसे में इसका कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है।

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