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Indian Navy Now Back In India After Death Sentence In Qatar Know Who Are These 8 Indian Sailors
Indian Navy: कतर में सजा माफी के बाद पूर्व नौसैनिकों की घर वापसी, जानें कौन है ये 8 भारतीय
India News (इंडिया न्यूज), Indian Navy: कतर ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया है। जिनमें से 7 भारत लौट आए हैं। ये सभी सैनिक जासूसी के आरोप में जेल की सज़ा काट रहे थे। प्रारंभ में उन्हें मृत्युदंड की सजा दिया गया जिसे बाद में कारावास में बदल दिया गया। भारतीय […]
India News (इंडिया न्यूज), Indian Navy: कतर ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया है। जिनमें से 7 भारत लौट आए हैं। ये सभी सैनिक जासूसी के आरोप में जेल की सज़ा काट रहे थे। प्रारंभ में उन्हें मृत्युदंड की सजा दिया गया जिसे बाद में कारावास में बदल दिया गया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार (12 फरवरी) देर रात कहा कि भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए डहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले 8 भारतीयों की रिहाई का स्वागत करती है। हम उन्हें घर लौटने की अनुमति देने के कतर के फैसले की सराहना करते हैं। आठवें नाविक को घर लाने की व्यवस्था की जा रही है। आखिर ये भारत के नौसेनिक कौन है चलिए उनके बारे में आज हम आपको बताते हैं।
भारतीय नौसेना के 8 दिग्गज कौन?
पिछले साल 28 दिसंबर को कतर की अपील अदालत ने पिछले अक्टूबर में दी गई मौत की सजा को कम कर दिया और दोहा स्थित अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज के साथ काम करने वाले आठ लोगों को तीन साल से लेकर 25 साल तक की अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सजा सुनाई गई।
जानकारी के अनुसार, दोहा स्थित अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एक निजी फर्म कतर के सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करती है। बता दें कि इन नौसिकों में कैप्टन नवतेज गिल और सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, अमित नागपाल, एसके गुप्ता, बीके वर्मा और सुगुनाकर पकाला, और नाविक रागेश – को अगस्त 2022 में अघोषित आरोपों पर हिरासत में लिया गया था।
इन आठ सैनिकों में कैप्टन नवतेज गिल को राष्ट्रपति द्वारा प्रवासी भारतीय नागरिकता का उत्क्रष्ट स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था। उन्होंने नौसेना अकादमी से स्नातक की उपाधि लेने के बाद तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में प्रशिक्षक के रूप में कार्य किया।
एक सूत्र ने बताया कि पूर्णेंदु तिवारी को 25 साल की जेल की सजा दी गई थी। जबकि रागेश को तीन साल की सजा दी गई थी। उन्होंने कहा कि नौसेना के चार पूर्व अधिकारियों को 15 साल की जेल की सजा दी गई और दो अन्य को 10 साल की जेल की सजा दी गई। कई रिपोर्टों में सुझाव दिया गया था कि इन लोगों पर जासूसी का आरोप लगाया गया था, हालांकि कतरी और भारतीय अधिकारियों दोनों ने उनके खिलाफ आरोपों का विवरण नहीं दिया है।