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India News(इंडिया न्यूज),Indian Navy: भारतीय नौसेना की एक नई और सराहनिय पहल सामने आई है। जहां भारतीय नौसेना प्राचीन पारंपरिक नावों को तैयार करने वाली है। जिसकी जानकारी देते हुए नौसेना अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि, सरकार और नौसेना प्राचीन सिले हुए जहाजों का पुनर्निर्माण करेगी। यह सिले हुए जहाज उस प्राचीन भारत की याद दिलाता है, जब भारत के ऐसे जहाज व्यापार के लिए महासागरों के रास्ते दूसरे देशों में जाया करते थे।
वहीं नौसेना अधिकारियों इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, जहाज तैयार होने के बाद उसे प्राचीन नेविगेशन तकनीकों के माध्यम से पारंपरिक समुद्री मार्गों पर एक अनोखी यात्रा शुरू करेगी। इसके लिए गोवा के होदी इनोवेशन में मंगलवार को उद्घाटन समारोह का आयोजन किया जा रहा है। वहीं इस समारोह में शामिल होने वाले अधिकारियों की बातें करें तो, केद्रीय संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और पीएम के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल भी उपस्थित होंगे।
बता दें कि, इस पूरे मामले के बारे में संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि, सिले हुए जहाजों का पुननिर्माण करना भारत सरकारी की एक महत्वपूर्ण पहल है। भारत सरकार और होदी इनोवेशन के साथ मिलकर नौसेना प्राचीन सिले जहाजों का पुननिर्माण के लिए सहयोग कर रही है। भारत की संस्कृतिक और सभ्यतागत विरासत में सिले हुए जहाज विरासत का प्रतीक हैं। मंत्रालय ने बताया कि नौसेना जहाज के डिजाइन और निर्माण का काम संभाल रहा है। इसके अलावा, प्राचीन समुद्री मार्ग पर ले जाने का काम भी नौसेनिकों के जिम्मे ही है। वहींसंस्कृति मंत्रालय परियोजना को फंड कर रहा है तो वहीं जहाजरानी और विदेश मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय यात्रा और निर्बाध सुनिश्चित करेंगे। बता दें, जहाज के निर्माण में सिलाई का काम जहाज निर्माताओं की एक कुशल टीम करेगी। इस टीम का नेतृत्व जहाज निर्माण विशेषज्ञ बाबू शंकरन करेंगे। निर्माण सदियों पुरानी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
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