संबंधित खबरें
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
महाराष्ट्र फतह के बाद फिर से चुनावी तैयारी में जुटे Fadnavis, शरद पवार ने सीधे CM को कर दिया कॉल, राज्य की राजनीति में अभी नहीं थमा है तूफान
GST Council Meeting Highlights: कौड़ियों के दाम में मिलेंगी ये चीजें, निर्मला सीतारमण के इस फैसले से खुशी से उछल पड़े सभी वर्ग के लोग
हिमंत सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, असम में 24 घण्टें में 416 लोगों को किया गया गिरफ्तार, बाकी राज्यों के लिए बना रोल मॉडल
India News (इंडिया न्यूज़), ISRO: कई वर्षों के लंबे अंतराल के बाद भारत ने बुधवार (23 अगस्त) को इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने चंद्रमा के सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की। इसके अलावा भारत विश्व का पहला देश बन गया है जिसने चंद्रमा के साउथ पोल में लैंडिंग की है। इसरो की इस सफलता के बाद भारत समेत पूरी दुनिया का विश्वास इसरो और भारत की स्पेस शक्ति पर बढ़ा।
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो आने वाले समय में मिशन आदित्य एल-1 और गांगन यान की तैयारियों पर लगा है। आदित्य एल-1 और गगनयान मिशन पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने अपडेट देते हुए बताया कि सूर्य के लिए आदित्य मिशन सितंबर में लॉन्च के लिए तैयार हो रहा है।
उन्होंने गगनयान मिशन पर कहा कि गगनयान पर अभी भी काम चल रहा है। हम क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए संभवतः सितंबर या अक्टूबर के अंत तक एक मिशन करेंगे, जिसके बाद कई परीक्षण मिशन होंगे जब तक कि हम संभवतः 2025 तक पहला मानव मिशन नहीं कर लेते।
भारत का पहला सूर्य का अध्ययन करने वाला अंतरिक्ष मिशन का नाम आदित्य एल-1 है। आदित्य एल-1 सूर्य का 5 साल तक अध्ययन करेगा। इसरो की मानें तो इस यान में 7 तरह के वैज्ञानिक पेलोड्स होंगे। इसी के वजह से इसरो को सूर्य के अलग-अलग क्षेत्र का अध्ययन करने में सहयता मिलेगी।
भारत गगनयान नामक एक विशेष मिशन की योजना बना रहा है। यह पहली बार होगा जब भारत स्वयं से भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में जाएंगे। तीन अंतरिक्ष यात्रियों की एक टीम होगी जो अंतरिक्ष में तीन दिन बिताएगी और फिर सुरक्षित भारत वापस आ जाएगी। यह भारत के लिए एक बहुत ही रोमांचक मिशन है!
भारत गगनयान प्रोजेक्ट भारत के लिए वाकई खास है क्योंकि यह पहली बार होगा जब भारत अपने अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा। उन्होंने इस महत्वपूर्ण मिशन के लिए भारतीय वायु सेना के चार कुशल पायलटों को चुना है। उनकी ट्रेनिंग भी लगभग ख़त्म हो चुकी है। रूस में जाकर उन्होंने इससे संबंधित सारी ट्रेनिंग प्राप्त कर ली है । जहां पर उन्होंने यूरी ए. गागरिन स्टेट साइंटिफिक रिसर्च एंड टेस्टिंग कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में अपनी ट्रेनिंग पूरी करी। फिर, वह भारत आये और अपना बाकी प्रशिक्षण यहीं पूरा किया। रूस द्वारा अंतरिक्ष यात्रियों को यह भी सिखाया गया कि विभिन्न प्रकार के मौसम और स्थानों में सुरक्षित रूप से कैसे लैंड करना है।
यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh : ‘हर हर महादेव’ के नारों से गूंज उठा कांग्रेस मुख्यालय, अजय राय ने संभाली यूपी कांग्रेस की कमान
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.