इंडिया न्यूज, रांची:
कहते हैं संकट से वही व्यक्ति घबराता है जो उससे पहले ही डर जाता है, लेकिन जो सूरमा होते हैं वह संकट को मात देकर आगे निकलने की राह स्वयं खोज लेते हैं। यही कर दिखाया है झारखंड के 33 वर्षीय पावर मैन केदार प्रसाद महतो ने। महतो ज्यादा पढ़ा लिखे नहीं है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने देसी जुगाड़ से बिजली पैदा करके सबको हैरान कर दिया है। इनके द्वारा बनाई गई बिजली से आज गांव में मंदिर व चौक-चौराहे रोशन रहते हैं।

केदार प्रसाद महतो झारखंड के दुलमी प्रखंड के बयांग गांव के रहने वाले हैं। बिजली उसके गांव की मूल समस्या थी। यह देखकर महतो ने मन ही मन प्रण कर लिया कि वह गांव में बिजली का उत्पादन करके ही रहेंगे। उन्होंने अपने अथक प्रयास से पानी से पांच किलोवाट बिजली पैदा करके ही दम लिया। महतो पेशे से किसान हैं। उन्होंने हाईस्कूल डभातू से मैट्रिक, छिन्नमस्ता इंटर कॉलेज से इंटर व रामगढ़ कॉलेज से बीए पार्ट-वन की पढ़ाई की है।

सफलता मिलने पर आगे बढ़ते गए, 2004 में बिजली उत्पादन शुरू किया

Jharkhand 12th Pass Power ManJharkhand 12th Pass Power Man

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2004 में 12 वीं पास महतो ने बिजली उत्पादन का काम शुरू किया था। उस समय वह 12 वोल्ट का बिजली उत्पादन करने में सफल रहे थे। पहली बार सफलता मिलने पर उन्होंने इस रास्ते में आगे बढ़ने की ठानी। 2014 में उन्होंने एक किलोवाट बिजली का उत्पादन किया। इसके बाद वह लगातार अपने इस प्रयोग में लगे रहे और आखिरकार 2021 में उन्होंने अपना सपना पूरा कर लिया और पांच किलोवाट बिजली उत्पादन करने में सफल रहे।

वायरिंग का काम करते हैं केदार, कमाई सपने साकार करने में लगाते हैं

इस प्रयोग पर लगभग तीन लाख रुपए खर्च हुए हैं और केदार महतो ने अपनी जेब से ये रुपए खर्च किए हैं। केदार महतो वायरिंग का काम करते हैं और इसी से पैसे जमा कर वह अपने सपनों को सींच कर हकीकत में बदल रहे हैं। केदार महतो ने बिजली बनाने का पहला परीक्षण सेनेगढ़ा नदी के अमझरिया नामक स्थान पर किया, लेकिन उनके सपनों को अचानक आई बारिश बहा कर ले गई। इसके बाद उन्होंने नदी के बीच में सीमेंट से कॉलम ढलाई कर बिजली के लिए कार्य शुरू किया।

गांव को देते हैं बिजली, 300 केवी बिजली बनाने का दावा

इसमें पानी में उन्होंने खुद से बनाया गया टर्बाइन के साथ आर्मेचर, क्वायल, मैगनेट सहित कई पार्ट्स लगाए। बिजली हाउस तक जाने के लिए उन्होंने बांस की पुलिया भी बनाई। केदार ने पांच केवीए बिजली में 100 वॉट के 40-45 बल्ब जला दिए। वह फिलहाल गांव के घरों में बिजली नहीं दे रहे हैं।

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सरकार से सहयोग की उम्मीद

केदार का कहना है कि उनके इस देसी जुगाड़ से 300 केवी बिजली का उत्पादन हो सकता है। इससे गांव में बिजली की सप्लाई आ जाएगी, लेकिन इसमें 30 से 35 लाख रुपए खर्च होगा, जो फिलहाल उनके पास नहीं है। केदार अपने सपने को बड़ा बनाने और अपने गांव को रोशन करने के लिए सरकार से सहयोग की आस लगाए बैठे हैं।

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