संबंधित खबरें
कौन हैं गौतम अडानी की होने वाली बहू? क्यों किया जा रहा इंटरनेट पर इतना सर्च?
गोवा में घूमने का बना रहे हैं प्लान, हो जाएं सावधान, खाली हो सकती है तिजोरी
Muslim Population In India: भारत का एकलौता राज्य जहां 100 में 97 मुसलमान, लेकिन फिर भी इस प्रदेश में नहीं है कोई इस्लाम का नाम लेने वाला तक!
बेटे ने हनीमून पर ऐसा क्या किया कि घर वालों को आ गई पुलिस की फोन, सुन दंग रह गए लोग, पड़ोसी ने खोली सारी पोल
Parade of Planets: इन तारीखों को रात के अंधेरे में देखें आसमान, मिलेगा स्वर्ग का सीधा नजारा, 6 ग्रह मिलकर करेंगे ऐसा कारनामा
775 करोड़ की मालकिन, पीठ पर झोला डालकर पहुंची कुंभ, Viral Video देख हैरानी में पड़ गए लोग
India News (इंडिया न्यूज़), Justice V Srishananda: बेंगलुरु के एक इलाके को पाकिस्तान कहने वाले कर्नाटक हाई कोर्ट के जज जस्टिस वी श्रीसानंदा ने अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया है। जस्टिस श्रीसानंदा ने आज बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को अपनी कोर्ट में बुलाकर कहा कि उनका मकसद किसी समुदाय विशेष पर टिप्पणी करना नहीं था। उन्होंने हाई कोर्ट के वकीलों को आश्वासन दिया कि वह भविष्य में इस तरह टिप्पणी नहीं करेंगे। जज ने एक महिला वकील को फटकार लगाते हुए की गई असंवेदनशील टिप्पणी पर भी अपनी सफाई दी है।
उन्होंने स्पष्ट किया है कि उन्होंने जो भी कहा था, वह केस के उस पक्षकार को लेकर कहा था। जिसके लिए वह महिला वकील पेश हुई थीं। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने जस्टिस श्रीसानंदा से अनुरोध किया कि वह किसी केस को सुनते समय उसके बाहर के विषयों पर टिप्पणी न करें। जज ने उन्हें इस बात का ध्यान रखने का भरोसा दिया है।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि जज की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट के 5 वरिष्ठतम जजों की बेंच ने कर्नाटक हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार से मामले पर रिपोर्ट मांगी है। यह उम्मीद की जा रही है कि जस्टिस श्रीसानंदा के आज के बयान के बाद यह मामला अब तूल नहीं पकड़ेगा। दरअसल यह विवादास्पद टिप्पणी जज श्रीसानंदा ने 28 अगस्त को सड़क सुरक्षा पर चर्चा के बाद की थी। जब उन्होंने बेंगलुरु के एक खास इलाके को “पाकिस्तान में” बताया था। दूसरी टिप्पणी एक महिला वकील के लिए की गई थी। दोनों ही टिप्पणियों की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है।
‘कोई कुर्सी तो…’, चीन के ट्रेनों में जनरल बोगी की हालत देखकर चौंक जाएंगे आप
अधिवक्ता संघ ने लाइव स्ट्रीमिंग पर अस्थायी रोक लगाने की मांग की थी और विवाद के मद्देनजर न्यायाधीशों की ओर से संवेदनशीलता की मांग की थी। उन्होंने कहा कि कई यूट्यूब चैनल प्रतिकूल और शरारती अर्थों और शीर्षकों के साथ कार्यवाही की क्लिपिंग चला रहे थे। हम आपको बता दें कि कोलकाता रेप मर्डर केस में पश्चिम बंगाल सरकार का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने भी सुप्रीम कोर्ट से कोलकाता रेप मर्डर केस की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग की थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया था।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.