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India News (इंडिया न्यूज), Keshav Prasad Maurya: लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम बीजेपी के की उम्मीद बेहद कम रहा, जिस उत्तर प्रदेश के लिए बीजेपी जीत का दम भर रही थी उसी ने जोरदार पटखनी मिली। चुनावी पन्नों के इतिहास को अगर पलट कर देखें तो साल 2019 में यूपी की 62 सीटें बीजेपी के खाते में आई थी वहीं इस साल केवल 33 पर मन मसोस कर रह गई। ये हार पार्टी में बड़े बदलाव लाने वाली है। इससे अंदर की खटास जो है वो और बाहर निकल कर सामने आ रही है। इसी का नतीजा है कि दिल्ली से लेकर लखनऊ तक, समीक्षा बैठक पार्टी की ओर से की जा रही हैं।
अटकलें लगाई जा रही हैं कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की कुर्सी उनके हाथ से जा सकती है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और सीएम योगी के बीच खटपट की आग उठती हुई नजर आ रही है। इससे राजनीतिक गलियारों की धमक और बढ़ गई है। ऐसा लग रहा है कि पार्टी यूपी में कोई बड़ा बदलाव कर सकती है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी अपनी रणनीति पर काम कर रही है। मुलाकात के बाद नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय से बाहर निकलते समय केशव प्रसाद मौर्य ने मीडिया से बात करने से परहेज किया। आपको बता दें कि केशव मौर्य और योगी आदित्यनाथ के रिश्तों में खटास की चर्चा लंबे समय से होती रही है। इन चल रहे मामलो के बीच उपमुख्यमंत्री ने अपने शोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, “संगठन सरकार से बड़ा है, कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है। संगठन से बड़ा कोई नहीं है, कार्यकर्ता ही हमारा अभिमान हैं।” यानी इससे साफ उनकी नाराजगी झलक रही है। जिसके बाद केशन प्रसाद ने अपने इस बयान को वापस अपने ऑफिशियल एकाउंट से हटा दिया।
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