इंडिया न्यूज, अजमेर:
बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद और राजधानी दिल्ली की कुतुबमीनार के बाद अब राजस्थान के अजमेर में मौजूद ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह की जगह हिन्दू मंदिर होने का दावा दिल्ली की महाराणा प्रताप सेना ने किया है। महाराणा प्रताप सेना ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई मंत्रियों को पत्र लिखकर पुरातत्व विभाग से दरगाह में सर्वे करवाने की मांग की है।
महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने कहा है कि “अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पहले हिन्दू मंदिर था।” उन्होंने पत्र में मांग की है कि “पुरातत्व विभाग से अगर दरगाह का सर्वेक्षण कराया जाए। तो वहां हिन्दू मन्दिर होने के पुख्ता सबूत मिल जाएंगे।”
मांग पत्र में लिखा गया है कि “दरगाह के अंदर कई जगहों पर हिन्दू धार्मिक चिह्न भी हैं, जिसमें स्वस्तिक के निशान को प्रमुख बताया गया है। इसके अलावा भी हिन्दू धर्म से संबंधित अन्य प्रतीक चिह्न भी दरगाह में मौजूद हैं।” हाल ही में ख्वाजा गरीब नवाज का 810वां उर्स मनाया गया था। इस दरगाह के जानकारों का मानना है कि इसका इतिहास 900 साल पुराना है लेकिन अभी तक के इतिहास में ऐसा कोई पुख्ता दावा या सबूत नहीं मिला है। जिससे पता चले कि दरगाह किसी हिन्दू मन्दिर को तोड़कर बनाई गई है।
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