ADVERTISEMENT
होम / देश / Katchatheevu Island: क्या है कच्चथीवु द्वीप? इसका जिक्र पीएम ने अपने भाषण में किया, कभी भारत का हिस्सा था

Katchatheevu Island: क्या है कच्चथीवु द्वीप? इसका जिक्र पीएम ने अपने भाषण में किया, कभी भारत का हिस्सा था

BY: Roshan Kumar • LAST UPDATED : August 11, 2023, 8:55 am IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

Katchatheevu Island: क्या है कच्चथीवु द्वीप? इसका जिक्र पीएम ने अपने भाषण में किया, कभी भारत का हिस्सा था

Katchatheevu Island

India News (इंडिया न्यूज़), Katchatheevu Island, दिल्ली: गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए पीएम मोदी के कई बातें कही, इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया। 2 घंटे 12 मिनट के भाषण में 35 मिनट मोदी नार्थ-ईस्ट पर बोले। पीएम ने कांग्रेस पर ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ गैंग को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया।

  • 285 एकड़ में फैल है द्वीप
  • कभी भारत का हिस्सा था
  • अब श्रीलंका में हिस्से में

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए भारत के टुकड़े किए। कांग्रेस का इतिहास मां भारती के टुकड़े करने का रहा है। पीएम मोदी ने कहा, ‘ये जो लोग बाहर गए हैं, उनसे पूछिए ये कच्चथीवू (katchatheevu) द्वीप क्या है? और ये कच्चथीवू कहां है? जरा उनसे पूछिए… इतनी बड़ी-बड़ी बातें कर के देश को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।

देश तोड़ने का इतिहास

पीएम ने कहा कि डीएमके के सीएम पत्र लिखकर कहते हैं कच्चथीवु वापस लाइए। ये कच्चथीवू है क्या? किसने किया… तमिल नाडु से आगे श्रीलंका से पहले एक टापू, किसने किसी दूसरे देश को दिया था? कब दिया था? क्या ये भारत माता नहीं थी वहां। क्या वो मां भारती का अंग नहीं था। इसको भी आपने तोड़ा और कौन था उस समय। श्रीमती इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ था ये। कांग्रेस का इतिहास, मां भारती को छिन्न-भिन्न करना का रहा है।’

कभी भारत का हिस्‍सा था

कच्चथीवू, श्रीलंका और रामेश्वरम (भारत) के बीच स्थित एक द्वीप है जो कभी भारत का हिस्‍सा हुआ करता था। अब वह श्रीलंका के हिस्से में आता है। साल 1974 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति श्रीमावो भंडारनायके के साथ 1974-76 के बीच चार समुद्री सीमा समझौतों पर हस्ताक्षर किए और कच्चथीवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया था। तब तमिलनाडु के तत्कालीन सीएम एम करूणानिधि ने इस फैसले का विरोध किया था।

सुप्रीम कोर्ट गया मामला

साल 2008 में एआईएडीएमके की नेता और तमिलनाडु जयललिता ने भी कच्‍चथीवू मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाया था। उनका कहना था कि भारत सरकार बिना संविधान संशोधन के देश की जमीन, किसी दूसरे देश को नहीं दे सकती। जयललिता जब 2011 में मुख्‍यमंत्री बनीं तो उन्‍होंने विधानसभा में इसे लेकर एक प्रस्ताव भी पारित करवाया था।

285 एकड़ में फैला द्वीप

कच्‍चथीवू को लेकर लंबे समय से विवाद होते रहे हैं। यह एक निर्जन द्वीप है जिस पर आज भी कोई नहीं रहता। पुराने समय की बात करें तो 17 वीं शताब्‍दी में यहां राजा रामनद का शासन था और वह मदुरई के राजा थे। इसके बाद यह द्वीप अंग्रेजों के अधीन रहा और उस समय यहा मद्रास प्रेसेडेंसी का नियंत्रण था। भारत के आजाद होने पर इसे भारत का हिस्‍सा कहा गया और सरकारी दस्‍तावेजों में भी इसका जिक्र था, लेकिन तभी श्रीलंका ने भी इसे अपना हिस्‍सा बताया था।

यह भी पढ़े-

Tags:

katchatheevuManipur violenceMonsoon Session 2023Narendra ModiNew delhi latest newsnew delhi newsNo-Confidence MotionParliamentparliament monsoon sessionparliament newsPM ModiPM Modi Latest Newspm modi newsRahul Gandhiमणिपुर हिंसा

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT