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India News (इंडिया न्यूज़), Para Commando Pradeep Nain: एक तरफ गर्भवती पत्नी कर रही थी इंतजार वहीं दूसरी ओर पिता बनने से पहले ही जवान शहीद। हम बात कर रहे हैं 27 वर्षीय शहीद प्रदीप नैन की। खबरों की मानें तो अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए घर वापस जाना था। शनिवार को हरियाणा के जींद जिले के पैरा कमांडो जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में मुठभेड़ में शहीद हो गए।
परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनकी गर्भवती पत्नी मनीषा को रविवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, खबर मिलने के बाद उनकी हालत बिगड़ गई। प्रदीप का शव सोमवार सुबह गांव पहुंचने की उम्मीद है। जींद के जाजनवाल गांव के रहने वाले 27 वर्षीय प्रदीप 2015 में सेना में भर्ती हुए थे और जाट रेजिमेंट में शामिल हुए थे। इसके बाद वे पैरा कमांडो बन गए।
प्रदीप के पिता बलवान सिंह ने बताया कि कैसे उनके बेटे ने सेना में भर्ती होने के लिए कई बार प्रयास किए। उन्होंने कहा, “उसने पहले दो बार प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सका। उसने हार नहीं मानी और आखिरकार तीसरे प्रयास में उसका चयन हो गया। उसने न केवल हमारा, अपने गांव का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया। मुझे अपने बेटे पर गर्व है।” रविवार को प्रदीप के गांव में शोक की लहर थी, क्योंकि कई लोगों ने एक ऐसे व्यक्ति को याद किया जो अपने सौम्य स्वभाव के लिए जाना जाता था।
जजनवाल के सरपंच जनक सिंह नैन ने खबर एजेंसी की मानें तो “बचपन में प्रदीप जब भी वर्दी में सैनिकों को देखता था, तो रास्ते में उन्हें सलाम करता था। वह बेहद मिलनसार व्यक्ति था और गांव के लोग उसे अपने बेटे की तरह प्यार करते थे। सेना की वर्दी पहनना हमेशा से उसका शौक रहा है।” प्रदीप के चाचा महेंद्र ने बताया: “हम सभी सदमे में हैं। उसने आखिरी बार मुझसे कुछ हफ्ते पहले बात की थी। पिछली बार जब वह छुट्टियों में आया था, तो हिसार में रुका था। कुछ दिन पहले ही वह वापस ड्यूटी पर गया है।”
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सरपंच को सेना से प्रदीप की मौत के बारे में फोन आया था। उन्होंने कहा, “प्रदीप ने अपने परिवार के सदस्यों से आखिरी बार तीन दिन पहले बात की थी। उसने उन्हें बताया था कि वह जल्द ही छुट्टियों में घर वापस आएगा।”
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 10 दिसंबर को शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने हिंदी में एक पोस्ट में कहा, “…मां भारती के लिए उनका सर्वोच्च बलिदान हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगा। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि…शोक संतप्त परिवार को शक्ति प्रदान करें।” यह मुठभेड़ शनिवार को कुलगाम जिले में हुई, जहां आतंकवादियों ने तलाशी अभियान चला रहे सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की। प्रदीप के चाचा सुशील नैन ने बताया कि वह हमेशा से सेना में जाना चाहता था। “उसके परिवार को उम्मीद थी कि वह अपने पहले बच्चे के जन्म से पहले छुट्टियों में घर वापस आ जाएगा…”
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