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India News(इंडिया न्यूज), Ladakh: नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) को सोमवार को लद्दाख में बड़ा झटका लगा है, जब उसकी पूरी कारगिल इकाई ने पार्टी नेतृत्व द्वारा ‘इंडिया’ गठबंधन के सीट-बंटवारे समझौते के तहत लद्दाख लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए दबाव डालने के विरोध में इस्तीफे की घोषणा की। इस फैसले ने पूरे नेशनल कॉन्फ्रेंस को हिला कर रख दिया है। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं पूरी जानकारी।
नेकां की लद्दाख इकाई के अतिरिक्त महासचिव और पूर्व मंत्री कमर अली अखून ने एक पत्र में पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को पार्टी इकाई के फैसले से अवगत कराया था। ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच सीट-बंटवारे के समझौते के अनुसार, लद्दाख सीट कांग्रेस को दी गई है। लेकिन ये समझौता नेकां के सदस्यों को पसंद नहीं आया और फिर उन्होंने ये कदम उठाने का फैसला किया। अखून ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नेकां आलाकमान उन पर लद्दाख से कांग्रेस के उम्मीदवार त्सेरिंग नामग्याल को समर्थन देने के लिए दबाव डाल रहा था, लेकिन यह कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) द्वारा लिए गए फैसले के खिलाफ है, जिसने हाजी हनीफा जान को उम्मीदवार बनाया है।
संबंधित घटनाक्रम में, दो निर्दलीय उम्मीदवारों-सज्जाद हुसैन और काचो मोहम्मद फिरोज ने नाम वापसी की आखिरी तारीख पर जान के समर्थन में अपना नाम वापस ले लिया है। वहीं इससे लद्दाख सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले का मंच तैयार हो चुका है। भाजपा ने लद्दाख स्वायत्त नागरिक विकास परिषद (लेह) के कार्यकारी काउंसलर-सह-अध्यक्ष ताशी ग्यालोन को इस सीट पर उम्मीदवार बनाया है। आपको बता दें कि भाजपा ने 2014 और 2019 में इस सीट पर जीत हासिल की थी। जान को प्रभावशाली धार्मिक संगठनों का भी समर्थन प्राप्त है और इस प्रकार उन्हें एक गंभीर दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। अखून ने कहा कि उन्होंने लद्दाख, विशेषकर कारगिल क्षेत्र के व्यापक हित में नेकां की सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। इसी के साथ अखून ने कहा कि जान कारगिल के सभी राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक समूहों के सर्वसम्मत उम्मीदवार हैं और ‘‘उनकी जीत के लिए जो भी आवश्यक होगा हम करेंगे.”
जानकारी के लिए आपको बता दें कि लद्दाख लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भौगोलिक विस्तार के मामले में देश में सबसे बड़ा क्षेत्र है, जिसका कुल क्षेत्रफल 173.266 वर्ग किलोमीटर है। यहां 1.82 लाख से अधिक मतदाता हैं। लद्दाख में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा।
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