इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Lakhimpur Violence : लखीमपुर खीरी कांड के बाद से कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के आक्रामक तेवरों से उनके समर्थकों में नया जोश भर गया है। ज्ञात रहे कि पिछले रविवार को जब लखीमपुर में किसानों के साथ हिंसक झड़प हुई तो प्रियंका गांधी अपने साथी नेताओं के साथ रात में ही घटनास्थल के लिए रवाना हो गई थी।
इस दौरान जब सीतापुर में प्रदेश पुलिस ने उनको रोकने की कोशिश की तो उन्होंने आक्रामक तेवर दिखाए। इससे पुलिस अधिकारी भी सकते में आ गए। इसके बाद उन्हें सीतापुर में ही हिरासत में रखा गया। लेकिन कांग्रेसी नेता के इस कदम से यूपी सरकार इतना बैकफुट पर आ गई की उसे झुकते हुए न केवल कांग्रेस बल्कि सभी राजनीतिक दलों को पीड़ितों से मिलने की अनुमति देनी पड़ी।
प्रियंका और पार्टी दोनों ने इस मुद्दे को न केवल विधानसभा बल्कि लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के खिलाफ एक अच्छा हथियार बनाने की सोच रही है। किसान आंदोलन को अपना मुख्य एजेंडा बनाते हुए प्रियंका गांधी ने कांर्यकर्ताओं में जो सियासी गर्माहट भर दी है।
अब प्रियंका गांधी ने लखनऊ में ही रुकने का फैसला किया है। प्रियंका के लखनऊ में ही रुकने की बात सुनकर पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कार्यकर्ता और प्रदेश के वरिष्ठ नेता लंबे समय से यह मांग कर रहे थे कि अब प्रियंका गांधी को लखनऊ में ही रहना चाहिए लेकिन कभी कोरोना तो कभी और किसी वजह से उनकी यह योजना खटाई में पड़ती रही।
(Lakhimpur Violence)
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