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India News (इंडिया न्यूज़), Lok Sabha Election (Report-Vipin) : हरियाणा अब पूरी तरह से लोकसभा चुनाव के मोड़ में चला गया है। सत्तासीन भाजपा का फोकस 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव से ज्यादा लोकसभा पर है। यही वजह है कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने अभी से MP की टिकटों पर मंथन पर शुरू कर दिया है। इस मंथन में 12 सांसद ऐसे है जो लोकसभा के बजाय विधानसभा के रण में जोर आजमाइश करना चाहते है वहीं 3 मौजूदा सांसद ऐसे भी हैं जो अपने बच्चो के लिए टिकेट के इछुक हैं।
हरियाणा में मिशन-2024 के तहत भाजपा ने एक बार फिर सभी 10 सीटों पैट चुनाव लड़ कर जीत का लक्ष्य रखा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व के अलावा संघ द्वारा भी सभी सीटों पर सर्वे करवाया जा रहा है। प्रोफेशनल एजेंसी से भी फीडबैक लिए जाने की सूचना है। पार्टी के राष्ट्रीय संगठक वी सतीश भी हाल ही में हरियाणा दौरे के दौरान फीडबैक लेकर जा चुके हैं। फीडबैक के आधार पर उन्होने सांसदों का ‘रिपोर्ट कार्ड’ तैयार किया है।
अंबाला लोकसभा सीट रतनलाल कटारिया की मौत के बाद खाली चल रही है। अब यहां से उनकी पत्नी बंतो कटारिया राजनीति में काफी एक्टिव हो चुकी हैं। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भी उन्हें ही टिकट देने का इच्छुक है पर अंतिम मुहर तमाम समीकरणों को समझने के बाद ही लगेगी , वहीं सिरसा से सांसद सुनीता दुग्गल की पैंठ केंद्रीय नेतृत्व में अच्छी है पर इसका फल उन्हें मिलेगा या नही यह तय नही है ।
गुरुग्राम के सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत और फरीदाबाद के सांसद और केंद्र में मंत्री कृष्णपाल गुर्जर अपने बच्चों को एडजस्ट करवाने की कोशिश में जुटे हुए हैं, हालांकि इन दोनों नेताओं को लेकर दिल्ली दरबार में यह चर्चा आम है कि उन्हें फिर से लोकसभा का ही चुनाव लड़वाया जा सकता है। सोनीपत के सांसद रमेश चंद्र कौशिक अपने बेटे को राजनीति में एक्टिव करना चाहते हैं। वे अपने बेटे को न्यायिक सेवाओं से इस्तीफा दिलवा चुके हैं।
कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी भी विधानसभा चुनाव लड़ने के इछुक है वह अब फिर नारायणगढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे है। भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह लंबे समय से विधानसभा आने की कोशिश में हैं। पिछले चुनाव में भी उन्होंने लोकसभा के बजाय विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। करनाल के सांसद संजय भाटिया रिकाॅर्ड मतों से 2019 का चुनाव जीते थे। उनका भी मन है कि वे पानीपत सिटी से विधानसभा चुनाव लड़ें।
रोहतक के सांसद डॉ. अरविंद शर्मा के तेवर बदले हुए हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव जीते थे उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में।जगह मिलेगी पर ऐसा नही हुआ। हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह को लेकर भी संशय बरकरार है। सरकार की नीतियों पर खुलकर बोलते हैं। उनके पिता व पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह भाजपा के कई फैसलों पर सार्वजनिक तौर पर सवाल उठा चुके हैं। वह राहुल गांधी की भी तारीफ कर चुके हैं। अब भाजपा इन नेताओं के लिए क्या भविष्य तय करती है यह आने वाला वक्त बताएगा।
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