संबंधित खबरें
बारिश के बाद बढ़ी ठंड, शहरों पर चढ़ी कोहरे की चादर, जानें नए साल पर कैसा रहेगा ठंड की चादर!
Indian Railway ने हासिल किया एक और कीर्तिमान, पड़ोसी चीन के छूटे पसीनें, वीडियो देख हर भारतीय को होगा गर्व
सभी को बनवाना होगा आपार कार्ड, कोई नहीं कर पाएगा फर्जी काम…सरकार ने निकाला नया तरीका
Gautam Adani ने वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर दी टिप्स, कहा-जब आप वो काम करते हैं जो…
'राहुल गांधी ने तो मनमोहन सिंह को भी नहीं छोड़ा', बीजेपी का कांग्रेस को मुंह तोड़ जवाब, लगाए शर्मशार करने वाले आरोप
महिला को धमकी दे बार-बार उसके साथ ये काम करता था आश्रम का बाबा, सच जान दंग रह गया पति, अब…
India News (इंडिया न्यूज), Loksabha Elections 2024: हैदराबाद लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी ने असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ हिंदुत्व के लिए मुखर रहने वाली माधवी लता पर भरोसा जताया है। राजनीति के लिहाज से उनके पास काफी कम अनुभव है। हालांकि हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर वो सुर्खियों में रहती हैं। अब हैदराबाद जैसी सीट से नामांकन दाखिल करना उन्हें और लोकप्रिय बना रहा है। अगर हैदराबाद सीट की बात करें तो इसे ओवैसी का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर 1984 से ओवैसी परिवार का कब्जा है। पहली बार बीजेपी ने हैदराबाद सीट से किसी महिला को टिकट दिया है और वो भी ऐसी महिला जो सोशल मीडिया पर हिंदू मुद्दों पर काफी मुखर नजर आती हैं। इससे पहले बीजेपी ने यहां से भगवत राव को उम्मीदवार बनाया था लेकिन उन्हें ओवैसी के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा था। हैदराबाद सीट पर 13 मई को वोटिंग हुई थी। जहां आज वोटों की गिनती शुरु हो गई है।
हैदराबाद लोकसभा सीट पर भी वोटों की गिनती शुरू हो गई है। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती हो रही है। असदुद्दीन ओवैसी का नाम देश के बड़े मुस्लिम नेताओं में गिना जाता है। ओवैसी 2004 से लगातार चार बार हैदराबाद से सांसद हैं और 2024 में पांचवीं बार सांसद बनने के लिए मैदान में हैं। वे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। असदुद्दीन ओवैसी अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। ओवैसी का गढ़ माने जाने वाले हैदराबाद पर 1984 से उनके परिवार का कब्जा है। अभी तक हैदराबाद सीट पर असदुद्दीन ओवैसी बीजेपी के उम्मीदवारों को हराते आए हैं।
बता दें कि, ओवैसी पेशे से वकील हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1994 में की थी। पहली बार उन्होंने आंध्र प्रदेश की चारमीनार सीट से चुनाव लड़ा था। पहले ही चुनाव में उन्हें जीत मिली थी। 2004 में उन्होंने पहली बार संसदीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। तब से लेकर अब तक ओवैसी ने इस सीट पर अपना कब्जा बनाए रखा है। असदुद्दीन ओवैसी से पहले उनके पिता सुल्तान सलाहुद्दीन 1984 से 2004 तक इस सीट से सांसद रहे थे। ओवैसी को राजनीति विरासत में मिली है। हालांकि, अपने तेजतर्रार व्यक्तित्व और सक्रियता के कारण उन्होंने अपने पिता की विरासत को संभाले रखा है। ओवैसी की राजनीति मुस्लिम, दलित जैसे अल्पसंख्यकों के इर्द-गिर्द घूमती है।
क्यों रिलीज से पहले ही राजनीतिक फिल्मों पर होता है बवाल? आखिर क्या है बॉलीवुड के सोच -IndiaNews
माधवी लता ने पहली बार 2018 में बीजेपी के समर्थन से राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने 2019 में आंध्र प्रदेश के गुंटूर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। माधवी लता भरतनाट्यम नृत्यांगना भी हैं। वह एक अस्पताल की चेयरपर्सन हैं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी काम किया है। उन्होंने राजनीति विज्ञान में एमए किया है। हैदराबाद मुस्लिम बहुल सीट है, इसलिए असदुद्दीन ओवैसी को चुनौती देना आसान नहीं है। माधवी लता की छवि एक कट्टर हिंदुत्व नेता की है और उन्हें ओवैसी के खिलाफ उतारना बीजेपी की चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। चुनाव आयोग की ओर से जारी सूची के अनुसार हैदराबाद सीट पर चौथे चरण में यानी 13 मई को मतदान हुआ था। मतदान के दौरान महिलाओं का घूंघट हटाने और उनके चेहरे देखने के आरोप में उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था।
डिनर डेट पर स्पॉट हुए Deepika-Ranveer, इस लुक में नजर आई एक्ट्रेस – IndiaNews
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.