India News (इंडिया न्यूज),MahaKumbh:उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ कल यानी 13 जनवरी से शुरू हो रहा है, जो 26 फरवरी तक चलेगा।अनुमान है कि इस दौरान प्रयागराज में 40 करोड़ लोग आएंगे। 2019 में जब अर्धकुंभ लगा था, तब करीब 24 करोड़ लोग आए थे। लोगों की संख्या को देखते हुए ठहरने से लेकर सुरक्षा तक के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पूरे मेला क्षेत्र को अलग-अलग जोन में बांटा गया है।
माना जाता है कि कुंभ की शुरुआत सतयुग से हुई थी। कुंभ मेले की जड़ें हिंदू पौराणिक कथाओं, खासकर ऋग्वेद में मिलती हैं।कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान अमृत की बूंदें 4 जगहों पर गिरी थीं। इनमें प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार शामिल हैं।इन चार जगहों पर हर 12 साल में कुंभ मेले का आयोजन होता है। मान्यता है कि कुंभ स्नान से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में कर रहें कल्पवास?
कुंभ के दौरान विशेष तिथियों पर होने वाले स्नान को शाही स्नान कहते हैं। इस कुंभ में 3 शाही स्नान होंगे।पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन, दूसरा 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन और तीसरा 3 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन होगा। इसके अलावा 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा, 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन भी कुंभ स्नान होगा।
पुलिस ने कुंभ में जाने वाले 7 मार्गों पर 102 चेकपॉइंट बनाए हैं, जो हर वाहन और व्यक्ति की जांच करेंगे। 40,000 से अधिक पुलिसकर्मी 24 घंटे तैनात रहेंगे।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस 2,700 से अधिक कैमरे और ड्रोन भी मेला परिसर पर नजर रखेंगे।इसके अलावा अंडरवाटर ड्रोन, 5 वज्र वाहन, 4 एंटी-सैबोटेज टीमें, साइबर सुरक्षा टीम और अत्याधुनिक हथियारों से लैस सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
कुंभ के लिए प्रयागराज में संगम की रेती पर नई टेंट सिटी बसाई गई है। इसमें सामान्य से लेकर लग्जरी टेंट तक एक लाख से अधिक टेंट हैं।यहां 10 लाख से अधिक लोग ठहर सकेंगे।800 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैली इस टेंट सिटी में बेडरूम, वेटिंग हॉल, आधुनिक शौचालय, मार्बल फ्लोरिंग, फर्नीचर, ड्राइंग रूम, टीवी, हीटर, इंटरकॉम, वाई-फाई, सोफा, फ्रिज समेत सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।
श्रद्धालुओं को लाने-ले जाने के लिए 3,000 से अधिक विशेष ट्रेनें चलेंगी, जो 13,000 चक्कर लगाएंगी।प्रधान रेलवे स्टेशन प्रयागराज के अलावा 8 छोटे स्टेशनों से भी ट्रेनें चलेंगी। सभी स्टेशनों से आने-जाने का रूट अलग-अलग होगा।बस और वाहन से आने वाले श्रद्धालु 7 रूटों से प्रयागराज में प्रवेश कर सकेंगे। बसों को 10 किलोमीटर पहले ही रोक दिया जाएगा। यहां से उन्हें लाने-ले जाने के लिए शटल बसें चलेंगी।
प्रबंधन के लिए मेला क्षेत्र को 10 जोन और 25 सेक्टर में बांटा गया है। हर सेक्टर को इंटीग्रेटेड ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) का इस्तेमाल कर गूगल मैप से जोड़ा गया है।प्रशासन ने पूरे जिले में कुल 102 छोटे-बड़े पार्किंग स्थल बनाए हैं। टेंट सिटी में ठहरने के लिए 3,000 रुपये से लेकर 1.25 लाख रुपये प्रतिदिन के किराए पर कमरे हैं।इसके अलावा सैकड़ों रैन बसेरे, धर्मशालाएं और होटल भी हैं।
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