India News(इंडिया न्यूज), Mahatma Gandhi: पिछले कुछ सालों में हमने भारतीय नोटों में कई बदलाव देखें। कई पुराने नोट अब काम नहीं करते। वहीं कुछ नये नोट हमारी मुद्रा का हिस्सा बन गये हैं। लेकिन नोटों से जुड़ी एक चीज है जो अब तक नहीं बदली है। वो है भारतीय नोट पर बनी महात्मा गांधी की फोटो। क्या आप जानते हैं नोट पर महात्मा गांधी की फोटो छापने का फैसला कब और कैसे हुआ और इसकी वजह क्या थी?
1969 में आरबीआई ने एक रुपये का नोट जारी किया था जिस पर महात्मा गांधी की तस्वीर बनी थी। यह महात्मा गांधी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में किया गया था। 18 साल बाद 1987 में महात्मा गांधी की फोटो वाले 500 के नोट जारी किए गए। इसके बाद आख़िरकार साल 1996 में सभी नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर छापी जाने लगी।
आरबीआई के मुताबिक, गांधी की तस्वीर से पहले इस्तेमाल किए गए सभी प्रतीकों या प्रतीकों को आसानी से कॉपी करके तैयार किया जा सकता है। किसी भी निर्जीव वस्तु की नकल करना आसान है जबकि किसी भी इंसान के चेहरे की नकल करना मुश्किल है। यहीं से विचार आया कि नोटों पर चेहरा छापना चाहिए। लेकिन केवल महात्मा गांधी ही क्यों? इसका कारण यह था कि प्रत्येक स्वतंत्रता सेनानी एक विशेष क्षेत्र से जुड़ा हुआ था। किसी एक का चेहरा चुनने से विवाद और विरोध पैदा हो सकता है, जबकि गांधीजी पूरे देश में समान रूप से महत्वपूर्ण थे।
यही कारण था कि नोट पर छापने के लिए महात्मा गांधी का चेहरा चुना गया। नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर से पहले विभिन्न राष्ट्रीय और धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल किया जाता था।
नोटों पर बनी महात्मा गांधी की जो तस्वीर आप देखते हैं उसकी भी एक खास कहानी है। यह तस्वीर कोलकाता में ली गई थी। तब महात्मा गांधी कोलकाता में वायसराय के घर पर फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस से मिले, जो उस समय म्यांमार और भारत में ब्रिटिश सचिव के रूप में कार्यरत थे। यहां ली गई फोटो का चित्र नोट पर ही लिया गया था।
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