संबंधित खबरें
4 लड़कों के साथ रहती थी 1 लड़की, दुनिया से छुपकर करती थी ये काम, पता चला तो फटी रह गईं पुलिस की आंखें
पंजाब के मोहाली में ढह गई 3 मंजिला इमारत, 4 लोगों के दबे होने की आशंका, राहत और बचाव कार्य जारी
भगदड़ में महिला की मौत पर Allu Arjun ने कही थी ये घटिया बात? इस विधायक ने खोली ऐसी जहरीली बात, सुनकर कांप जाएंगे फैंस!
Priyanka Gandhi को उन्हीं की भाषा में याद दिलाया गया 40 साल पुराना कांड, तिलमिलाकर बोलीं 'ये मेरे साथ मत करियो'
6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ J P Nadda ने ली बैठक,2025 तक भारत से मिटाने का बनाया प्लान
GST Council Meeting: निर्मला सीतारमण नहीं पिघलीं…हेल्थ से जुड़ी बड़ी खबर, जानें किन चीजों पर घटा-बढ़ा टैक्स
India News (इंडिया न्यूज),(प्रथमेश मेटांगले),Mumbai:रियल एस्टेट की जानी मानी कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) के सस्पेंडेड डायरेक्टर राकेश वधावन की उनके ग्राहकों से ही ठन गई है। मामला HDIL के पालघर स्तिथ एक बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट से जुड़ा हुआ है। वधावन का आरोप है कि पैराडाइज सिटी नाम के इस प्रोजेक्ट में मकान खरीददारों के कथित झूठे दावों को स्वीकारते हुए कंपनी प्रशासक (रेजोल्यूशन प्रोफेशनल) अभय मनुधाने ने करोड़ों के कर्ज चुकाने का रेजोल्यूशन पारित कर दिया। वधावन के मुताबिक इनमें कई ऐसे खरीददार हैं, जो अपने फ्लैट का कब्ज़ा पहले ही ले चुके हैं। प्रशासक मधुमाने के इस रेजोल्यूशन के खिलाफ अब वधावन ने इनसोलवेंसी एंड बैंकरप्ट्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI) में शिकायत की है।
शिकायत में कहा गया है कि पालघर स्थित पैराडाइज सिटी प्रोजेक्ट का काम पूरा होने के बाद प्रोजेक्ट को प्रशासन की ओर से ऑक्यूपेशनल सर्टिफिकेट (OC) मिल चुका था। यहां सेक्टर 1 में कई इमारतों ने अपनी सोसाइटी का गठन भी किया, और कई ग्राहकों ने प्रोजेक्ट में अपने मकान का पोजेशन भी लिया। बावजूद इसके कर्जदारों की सूची में ऐसे कई मकान खरीददारों के नाम को शामिल किया गया, जो इस समय अपने मकान में रह रहे हैं। आरोप है कि प्रशासक के द्वारा जो यहां मकान में रह रहे हैं, उनके फर्जी दावों की बिना जांच किए रेजोल्यूशन प्लान को भी पारित कर कंपनी की लायबिलिटी बढ़ाने की कोशिश की गई।
इसके अलावा जिन मकानदारों ने समय पर पोजेशन नहीं लिया और जिनसे कंपनी को ब्याज वसूलना चाहिए ऐसे भी कई ग्राहकों को रेजोल्यूशन प्रोफेशनल के द्वारा कर्जदारों की सूची में शामिल किया गया है।
वधावन का दावा है कि ऐसे एक दो नहीं बल्कि कई झूठे दावें हैं, जिन्हे बिना पड़ताल स्वीकार कर लिया गया जिसके चलते कंपनी के कर्जदारों की संख्या बढ़ गई। ऐसे फर्जी दावे सिर्फ पालघर साइट ही नहीं तो नाहुर और कुर्ला साइट पर भी स्वीकार किए जाने का आरोप है। हालांकि इससे पहले प्रशासक मधुमाने ने वधावन को इन आरोप पर सफाई देते हुए बताया कि सिर्फ नेम प्लेट पर नाम होने का मतलब ये नहीं कि ग्राहकों को मकान मिल गए। इसके अलावा रेजोल्यूशन प्लान स्वीकारने के बावजूद स्क्रीनिंग कमिटी दावों की दोबारा जांच करेगी, और गड़बड़ी पाए जाने पर किसी भी ग्राहक को दोबारा मकान नहीं दिया जाएगा।
बहरहाल वधावन की बोर्ड से मांग है कि इस मामले की जांच कर फर्जी दावों को कर्जदारों की सूची से निकाला जाए। बोर्ड इस मामले में जल्द ही सुनवाई कर सकता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.