संबंधित खबरें
तड़ातड़ गोलियों की आवाज…दौड़ते भागते लोग, छोटे सरकार अनंत सिंह और सोनू-मोनू गैंग का इंतकाम, वीडियो देख हफ्ते भर सदमे में रहेंगे आप
RG Kar Case का 'दरिंदा' सूली पर ही लटकेगा…पहले CM Mamata और अब CBI ने उठाया ऐसा कदम, जेल में तड़पने लगा संजय रॉय?
किसी का पैर कटा तो… किसी का सिर धड़ से हुआ अलग, काल के गाल में समा गई 12 जिंदगियां, एक अफवाह ने कई परिवारों को कर दिया तबाह
Petrol-Diesel Latest Price: पेट्रोल-डीजल की कीमतों से लोगों का हाल बेहाल, दरों में कटौती का इंतजार कर रहे लोगों को लगा तगड़ा झटका
मौसम ने फिर ली करवट, दिल्ली में झमाझम बारिश का अलर्ट जारी, कहीं बाहर निकलने से पहले जान लीजिए कैसा रहेगा आज का मौसम?
MahaKumbh:महाकुंभ में जाना हुआ महंगा, अचानक सात गुना बढ़ गए टिकटों के दाम, कीमत सुन उड़ जाएगी होश
India News(इंडिया न्यूज),Mallikarjun Kharge: सैकड़ो दिनों के इंतजार के बाद आज लोकसभा चुनाव के परिणाम आने वाले है। जिसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को लोकसभा चुनाव की मतगणना से पहले देश की नौकरशाही को एक खुला पत्र लिखा। जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता ने नौकरशाहों से आग्रह किया कि वे किसी से भी ‘भयभीत’ न हों और बिना किसी डर के देश की सेवा करते हुए संविधान का पालन करें। मिली जानकारी के अनुसार 81 वर्षीय नेता ने नौकरशाहों से अपील की कि वे किसी भी ‘असंवैधानिक’ तरीके के आगे न झुकें और किसी से न डरें।
इसके साथ ही सरदार वल्लभभाई पटेल का हवाला देते हुए, जिन्होंने सिविल सेवकों को ‘भारत का स्टील फ्रेम’ कहा था, खड़गे ने कांग्रेस को कई संस्थाओं की स्थापना करने और उनकी स्वतंत्रता के लिए तंत्र तैयार करते हुए ठोस नींव रखने का श्रेय दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा, “संस्थाओं की स्वतंत्रता सर्वोपरि है, क्योंकि प्रत्येक सिविल सेवक संविधान की शपथ लेता है कि वह ‘अपने कर्तव्यों का ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से निर्वहन करेगा और संविधान और कानून के अनुसार सभी तरह के लोगों के साथ बिना किसी भय या पक्षपात, स्नेह या द्वेष के सही व्यवहार करेगा’।
नरेंद्र मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए खड़गे ने लिखा, “पिछले दशक में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा हमारे स्वायत्त संस्थानों पर हमला करने, उन्हें कमजोर करने और दबाने का एक व्यवस्थित पैटर्न देखा गया है। परिणामस्वरूप भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। भारत को एक रेजिमेंटल तानाशाही में बदलने की व्यापक प्रवृत्ति है।
खड़गे ने कहा कि हम देख रहे हैं कि कुछ संस्थाएँ अपनी स्वतंत्रता खो रही हैं और बेशर्मी से सत्तारूढ़ पार्टी के हुक्म का पालन कर रही हैं। कुछ ने तो पूरी तरह से उनकी संवाद शैली, उनके कामकाज के तरीके और कुछ मामलों में तो उनकी राजनीतिक बयानबाजी को भी अपना लिया है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.