India News (इंडिया न्यूज), Milind Deora: लोकसभा चुनाव के नजदीक आते हीं राजनीति में हलचल शुरु हो जाती है। इसी क्रम में आज (रविवार) पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस से अपना रिश्ता तोड़ कर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का दामन थामा है। उन्होंने यह घोषणा सीएम शिंदे के आधिकारिक आवास से की है। इससे पहले भी सीएम शिंदे ने देवड़ा को अपने पार्टी में शामील होने का न्योता दिया था।
उन्होंने कहा था कि “मैंने उनके कदम के बारे में सुना है। अगर वह पार्टी में शामिल हो रहे हैं तो मैं उनका स्वागत करूंगा।” बता दें कि मिलिंद देवड़ा के पिता मुरली देवड़ा भी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से जाने जाते थें। आज मिलिंद ने कांग्रेस के साथ 55 साल के पुराने रिश्ते को खत्म कर नया रिश्ता जोड़ा है। वे कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ने के बाद सिद्धिविनायक मंदिर पुहंचे। जहां उन्होंने कहा कि “मैं विकास के रास्ते पर चल रहा हूं।”
इसके साथ उन्होंने इस फैसले के बारे में बात करते हुए कहा कि “मुझे सुबह से बहुत सारे फोन आ रहे हैं कि मैंने कांग्रेस पार्टी से अपने परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता क्यों तोड़ा…मैं सबसे चुनौतीपूर्ण दशक के दौरान पार्टी के प्रति वफादार रहा…यदि कांग्रेस और यूबीटी ने रचनात्मक, सकारात्मक सुझावों और योग्यता, क्षमता को महत्व दिया होता, तो आज एकनाथ शिंदे और मैं यहां नहीं होते। एकनाथ शिंदे को एक बड़ा फैसला लेना पड़ा, मुझे एक बड़ा निर्णय लेना पड़ा…”
वहीं देवड़ा के सहयोगियों का कहना है कि उन्हें राजनीतिक भविष्य के बारे में कांग्रेस की ओर से आश्वासन नहीं मिला। उन्होंने आगे कहा कि “शिवसेना यूबीटी खुले तौर पर दक्षिण मुंबई पर दावा कर रही है। कांग्रेस मिलिंद देवड़ा की सीट के लिए सुरक्षा का आश्वासन देने में असमर्थ है। एक युवा नेता का राजनीतिक भविष्य अनिश्चितता में डाल दिया गया और कोई निवारण नहीं हुआ।” साथ ही उनके समर्थकों द्वारा यह भी कहा गया कि “राहुल गांधी के साथ दर्शक जुटाना असंभव है”। वहां व्यक्ति घुटन महसूस करता है।
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