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किसानो के लिए खतरा बन सकता है मिनी मानसून, जानिए क्या कहते है विशेषज्ञ

BY: Sachin • LAST UPDATED : June 20, 2022, 12:21 pm IST
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किसानो के लिए खतरा बन सकता है मिनी मानसून, जानिए क्या कहते है विशेषज्ञ

Mini Monsoon can Become a Threat to Farmers

इंडिया न्यूज़ , नई दिल्ली National News:  भारत में लोगो पहले से ही भीषण गर्मी से जूझ रहे है और अब इस गर्मी ने किसानो की भी समस्या बढ़ा दी है। किसानो की समस्या का सबसे बड़ा कारण है मिनी मानसून। मौसम को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है की मानसून की बारिश फिर से शुरू होने की संभावना है। देश में होने वाली वार्षिक वर्षा का 70 प्रतिशत हिस्सा मानसून का होता है। भारत एक कृषि प्रधान देश है देश की आधी आबादी कृषि पर निर्भर है।

मौसम विभाग के अनुसार भारत में मिनी मानसून की शुरूआत हो चुकी है। कमजोर मानसून से हमेशा फसलो का नुकसान होता है। भीषण लू ने भी शुरूआत में रबी की फसलो पर कहर मचाया था। जिस कारण से भारत सरकार को गेहूं के निर्यात पर अंकुश लगाने और उत्पादन पूवार्नुमानों में लगभग पांच प्रतिशत (111.3 मिलियन टन से 106.4 मिलियन टन) की कटौती करने के लिए बाध्य होना पड़ा। मौसम विभाग ने चौथे साल भी मानसून के सामान्य रहने की आशंका जताई है।

वही दूसरी और जून-जुलाई में लगाई जाने वाली धान की फसलो पर भी असर पड़ा है जिससे धान की फसलो की रोपाई में देरी की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार इसमें तेजी आने की संभावना है। आइएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मानसून की भविष्यवाणी अच्छी की है और बारिश रफ़्तार पकड़ रही है। देश भर में वर्षा की कमी 11 जून को 43 प्रतिशत से घटकर 17 जून को 18 प्रतिशत रह गई है। उन्होंने कहा कि भारत देश के पूर्व और मध्य भागों के अलावा पुर्वोत्तर में सामान्य वर्षा रहेगी। 23 जून के बाद उत्तर पश्चिम भारत में वर्षा में वृद्धि हो सकती है। कुल मिलाकर औसतन सामान्य वर्षा होगी।

जुलाई में वर्षा की कमी हुई तो हो सकती है समस्या

मौसम को देखते हुए खाद्य और व्यापार नीति विशेषज्ञ अधिकारी ने कहा कि अबकी बार होने वाली भीषण गर्मी ने गेहूं की पैदावार को प्रभावित किया है और देश को पर्याप्त धान उत्पाद के लिए सामान्य मानसून की जरूरत है। जून के पहले में ही मानसून ने करवट बदल ली। देश के कुछ हिस्सों में वर्षा की कमी 80 प्रतिशत तक है। विशेषज्ञ ने कहा कि यह निश्चित धान की फसल के उपज को प्रभावित करेगा। कुछ रिपोर्टों से पता चला है की अगले दो महीनों में बारिश की कमी जारी रहेगी। अगर जुलाई के दूसरे और तीसरे सप्ताह में बारिश की कमी रहती है तो इसके गंभीर समस्या होंगे सकती है।

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