India News (इंडिया न्यूज), Tamil Nadu Rupee Symbol Controversy : तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार ने बड़ा खेल करते हुए भाषा विवाद के बीच राज्य के बजट के आधिकारिक लोगो में भारतीय रुपये के प्रतीक (₹) को तमिल अक्षर ‘रु’ से बदल दिया है। विशेष रूप से, ‘रु’ का अर्थ ‘रुबाई’ (तमिल में रुपया) है। हिंदी थोपने और सांस्कृतिक स्वायत्तता को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच इस निर्णय को तमिल भाषा के गौरव की एक मजबूत पुष्टि के रूप में देखा जा रहा है। रुपये के प्रतीक को बदलने का यह कदम सत्तारूढ़ द्रमुक की केंद्र के साथ चल रही और तीव्र झड़प की पृष्ठभूमि में आया है, जिसे वह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उल्लिखित त्रि-भाषा फॉर्मूले के माध्यम से हिंदी थोपने के रूप में देखता है।
ये बात तो साफ है कि सीएम स्टालिन ने ये फैसला केंद्र सरकार को झटका देने के लिए किया है। लेकिन स्टालिन ये बात भूल गए कि भारतीय मुद्रा पर अंकित इस चिह्न को तमिलनाडु के ही शख्स ने तैयार किया था। यहीं नहीं हैरान करने वाली बात तो ये है कि जिस शख्स ने सिंबल डिजाइन किया था उसके पिता एमके स्टालिन की पार्टी DMK के पूर्व विधायक रहे चुके हैं। फिलहाल इस फैसले के बाद दिल्ली तक बवाल मच गया है।
Tamil Nadu Rupee Symbol Controversy : जिस सिंबल का कर रहें विरोध तमिल शख्स ने किया था (₹) डिजाइन, पिता का भी DMK में था ऊंचा पद
स्टालिन सरकार के इस फैसले के बाद दिल्ली से लेकर तमिलनाडु तक बवाल मच गया है, प्रदेश में बीजेपी के प्रमुख के अन्नामलाई ने भी तंज कसते हुए कहा है कि, डीएमके सरकार ने 2025-26 के लिए राज्य के बजट में रुपये के चिह्न को बदल दिया है, जिसे तमिल के ही शख्स ने डिजाइन किया था। इसे पूरे भारत ने अपनाया और अपनी मुद्रा पर अंकित किया था। थिरु उदय कुमार जिसने यह चिह्न बनाया था, वह डीएमके के पूर्व विधायक के बेटे हैं।
वहीं BJP के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने स्टालिन पर हमला बोलते हुए कहा कि, सीएम ने तमिलनाडु की जनता का अपमान किया है। उन्होंने लिखा, उदय कुमार धर्मलिंगम एक भारतीय शिक्षाविद और डिजाइनर हैं, जो डीएमके के एक पूर्व विधायक के बेटे हैं। उन्होंने भारतीय रुपये का चिह्न तैयार किया है, जिसे पूरे भारत ने अपनाया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन रुपये के चिह्न को तमिलनाडु बजट 2025-26 के दस्तावेजों से हटाकर तमिलनाडु की जनता का अपमान कर रहे हैं।
जिनको नहीं पता उनको बता दें कि रुपये का सिंबल IIT बॉम्बे के छात्र रहे डी उदय कुमार ने बनाया था। तब उदय कुमार IIT गुवाहाटी में नौकरी की पारी शुरू ही करने जा रहे थे। उन्होंने सैकड़ों प्रतिभागियों को पछाड़कर प्रतियोगिता में जीत हासिल की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनका जन्म तिरुवन्नामलई के पास मरूर में हुआ था। इतना ही नहीं उनके पिता डी धर्मलिंगम भी DMK से विधायक रह चुके हैं।
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