India News (इंडिया न्यूज़), MLAs Disqualification Verdict : महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शिंदे गुट को “असली” शिव सेना राजनीतिक दल बताए जाने के बाद मुंबई में शिवसेना कार्यालय के बाहर जश्न मनाया गया।
#WATCH महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शिंदे गुट को “असली” शिव सेना राजनीतिक दल बताए जाने के बाद मुंबई में शिवसेना कार्यालय के बाहर जश्न मनाया गया। pic.twitter.com/FpNJJGaJBt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 10, 2024
मई में शुरू हुई 16 विधायकों की अयोग्यता याचिका पर स्पीकर राहुल नार्वेकर आज फैसला सुनाया। स्पीकर राहुल नार्वेकर ने 1200 पन्नों के आदेश को पढ़ते हुए कहा कि इस मामले में दाखिल याचिकाओं को छह समूहों में रखा गया।
#WATCH महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शिंदे गुट को “असली” शिव सेना राजनीतिक दल बताए जाने के बाद मुंबई में शिवसेना-शिंदे गुट के कार्यालय में जश्न मनाया गया। pic.twitter.com/RpDvJVT4Ub
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 10, 2024
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने भी उद्धव के असली पार्टी के तर्क को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि जब विद्रोही गुट बना तो उस समय शिंदे गुट ही असली शिव सेना थी। स्पीकर के इस फैसले से उद्धव गुट को बड़ा झटका लगा है।
शिव सेना का 1999 का संविधान ही मान्य है-स्पीकर
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि दोनों गुटों (शिवसेना के दो गुट) द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए संविधान पर कोई सहमति नहीं है। नेतृत्व संरचना पर दोनों दलों के अलग-अलग विचार हैं। एकमात्र पहलू बहुमत का है मुझे विवाद से पहले मौजूद नेतृत्व संरचना को ध्यान में रखते हुए प्रासंगिक संविधान तय करना होगा। उन्होंने कहा कि 2018 का संशोधित संविधान चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। शिव सेना का 1999 का संविधान ही मान्य है। चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में भी शिंदे गुट ही असली शिवसेना है।
उन्होंने आगे कहा कि मैनें चुनाव आयोग के फैसले को ध्यान में रखा है। चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में भी असली शिवसेना शिंदे गुट ही है। उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने भी शिंदे गुट को ही असली शिवसेना कहा है।
16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना का 1999 का संविधान सर्वोच्च है। हम उनके 2018 के संशोधित संविधान को स्वीकार नहीं कर सकते। यह संशोधन चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। इस दौरान उन्होंने शिवसेना के संगठन में चुनाव का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि साल 2018 में संगठन में कोई चुनाव नहीं है। हमें 2018 के संगठनात्मक नेतृत्व को भी ध्यान में रखना होगा। उन्होंने कहा कि मेरे पास एक सीमित मुद्दा है और वह यह है कि असली शिवसेना कौन है. दोनों गुट असली होने का दावा कर रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि पार्टी के संविधान के मुताबिक, उद्धव गुट सीएम शिंदे को नहीं हटा सकता। संविधान में पार्टी प्रमुख का कोई पद नहीं है। साथ ही संविधान में विधायक दल के नेता को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि शिंदे को हटाने का फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी को लेना चाहिए था। राष्ट्रीय कार्यकारिणी पर उद्धव गुट का रुख साफ नहीं है। इसके साथ ही अध्यक्ष ने 25 जून 2022 के कार्यकारिणी प्रस्तावों को अमान्य घोषित कर दिया है।
यह भी पढ़ेंः-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.