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India News (इंडिया न्यूज), अजय त्रिवेदी, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अपेक्षा से मिली काफी कम सीटों के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रदेश का कोटा भले ही कम हो गया है पर जातीय समीकरणों का पूरा ध्यान रखा गया है। पिछला सरकार में जहां उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 15 मंत्री केंद्रीय मंत्रिमंडल में थे वहीं इस बार यह संख्या घटकर 11 रह गयी है।
केंद्रीय मंत्रीमंडल में उत्तर प्रदेश को प्रतिनिधित्व देते समय क्षेत्रीय व जातीय संतुलन का ध्यान रखा गया है और प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी समीकरण साधे गए हैं। इस बार के मंत्रिमंडल में जहां सात पुराने चेहरे हैं वहीं चार नए मंत्री जयंत चौधरी, जितिन प्रसाद, कमलेश पासवान और कीर्तिवर्धन सिंह शामिल किए गए हैं। पिछड़ें वर्ग में सबसे ज्यादा दो मंत्री अनुप्रिया पटेल और पंकज चौधरी कुर्मी बिरादरी से हैं वहीं बीएल वर्मा बुंदेलखंड से लोधी समाज से आते हैं।
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उत्तर प्रदेश में इस बार सबसे ज्यादा 11 सांसद कुर्मी बिरादरी से चुन कर आए हैं जिनमें चार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन तो सात विपक्षी इंडिया गठबंधन से हैं। इससे पहले 2022 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भी सबसे ज्यादा विधायक कुर्मी समुदाय से ही जीत कर आए थे।
हाल में संपन्न हुए चुनावों में राजपूत समुदाय की नाराजगी के मद्देनजर इस समुदाय से दो मंत्री राजनाथ सिंह और कीर्तिवर्धन सिंह बनाए गए हैं। गोंडा के कीर्तिवर्धन को मंत्री बनाए जाने के पीछे एक बड़ा कारण उनका अयोध्या की पड़ोसी सीट से सांसद होना भी रहा है। हालांकि भाजपा से आठ ब्राहम्ण सांसद चुनाव जीते हैं पर मंत्री केवल एक जितिन प्रसाद को ही बनाया गया है।
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दलित मतो में इस बार इंडिया गठबंधन की सेंधमारी को देखते हुए इस वर्ग से एसपी सिंह बघेल और कमलेश पासवान को मंत्रिमंडल में लिया गया है। जाट बिरादरी से जयंत चौधरी तो सिख समुदाय से राज्यसभा सांसद हरदीप पुरी उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। क्षेत्रीय संतुलन और हालिया चुनावी नतीजों को भी केंद्रीय मंत्रीमंडल के गठन में ध्यान में रखा गया है। अवध और पूर्वांचल जहां से भाजपा को सबसे तगड़ा झटका लगा है वहां के छह मंत्री शामिल किए गए हैं। इनमें अवध क्षेत्र से राजनाथ सिंह और कीर्तिवर्धन सिंह तो पूर्वांचल से खुद प्रधानमंत्री के साथ अपना दल की अनुप्रिया पटेल, भाजपा से पंकज चौधरी और कमलेश पासवान शामिल हैं। बुंदेलखंड के प्रतिनिधि बीएल वर्मा और रुहेलखंड से जितिन प्रसाद हैं। अलबत्ता पश्चिम से केवल सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के जयंत चौधरी को और ब्रज क्षेत्र से एसपी सिंह बघेल को ही मौका दिया गया है।
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