India News (इंडिया न्यूज़), Modi Surname Case, सूरत: मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की सजा के खिलाफ दायर एक याचिका को सूरत की एक अदालत ने खारिज कर दिया। राहुल गांधी ने 3 अप्रैल को मानहानि केस में कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। इसी सिलसिले में आज कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कांग्रेस नेता की याचिका को खारिज कर दिया। बता दें कि राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को एक चुनावी रैली के दौरान मोदी सरनेम से संबंधित टिप्पणी की थी। इसी के तहत सूरत कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया था। राहुल को दो साल के लिए जेल की सजा सुनाई थी और इसके अगले दिन ही उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी।

राहुल गांधी के पास अब क्या है विकल्प?

राहुल गांधी अब कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का जा सकते हैं। कांग्रेस नेता अब हाई कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ अपील दायर कर सकते हैं। अगर इस फैसले पर हाई कोर्ट रोक लगाता है तो उनकी सांसदी बहाल हो सकता है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि हाल ही में लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल के मामले में भी ऐसा देखने को मिला था।

बता दें कि निचली अदालत ने जनवरी में मोहम्मद फैजल को हत्या के प्रयास में दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट के फैसले के बाद फैजल की लोकसभा सदस्यता रद्द हो गई थी। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उन्होंने केरल हाई कोर्ट का रुख किया था जहां उनकी सजा पर रोक लगा दी गई। सजा पर रोक लगाए जाने के बाद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता बहाल कर दी गई।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, राहुल गांधी को 2019 में मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में 23 मार्च को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी।कोर्ट ने हालांकि फैसले पर अमल के लिए 30 दिन की मोहलत भी दी थी। राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?’

बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने इसी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। 23 मार्च को निचली अदालत ने राहुल को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अगले ही दिन राहुल की लोकसभा सदस्यता चली गई थी। राहुल की अपना सरकारी घर भी खाली करने का नोटिस मिला हुआ है।

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