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इंडिया न्यूज, जम्मू:
Mohan Bhagwat RSS के सरसंघचालक Mohan Bhagwat ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 का हटाना व्यवस्था में बदलाव है। उन्होंने कहा, मानसिकता बदले बिना यह काम पूरा नहीं होगा।
वह शनिवार को जम्मू यूनिवर्सिटी में आयोजित प्रबुद्ध जन गोष्ठी में बोल रहे थे। भागवत ने कहा, केवल व्यवस्था बदलने से उद्देश्य पूरा नहीं होता। हम भारतीय हैं और हमारे निजी स्वार्थों से राष्ट्र सबसे ऊपर है। राष्ट्रीयता की भावना से हम दुनिया को वह सब दे सकेंगे, जिसकी विश्व के लोग हमसे उम्मीद कर रहे हैं।
भागवत ने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने से यामा प्रसाद मुखर्जी का जम्मू-कश्मीर में योगदान और बलिदान याद आता है। उन्होंने कहा कि सरकार वैसी ही मिलती ह, जैसी लोग चाहते हैं। जैसे हम हैं, वैसे हमारे नेता हैं। हमारे अनुरूप व्यवस्था तब आएगी, जब हम बदलेंगे। व्यवस्था बनाने के लिए बहुत ज्यादा लोग चाहिए। बिगाड़ने के लिए बहुत कम। सुदृढ़ समाज तब बनता है, जब उनके सामने कोई उद्देश्य होता है।
Mohan Bhagwat ने कहा, हम सबसे पुरानी संस्कृति हैं। बड़े भाई की तरह हमें सबके लिए सोचना है। हम विश्वशक्ति नहीं, विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हों। भारतीय संस्कृति के संरक्षण में कई पीढ़ियां लगी रही हैं। जिस संस्कृति की बात आज दुनिया सोच रही है, उस पर हम सदियों से चल रहे हैं। उन्होंने दुनिया की अंधी दौड़ की ओर इशरा करते हुए कहा कि सुख पदार्थों के भोग में नहीं, सुख अपने स्वयं के अंदर है। उन्होंने कहा कि यूनाइटेड किंगडम तब तक रहेगा, जब तक अंग्रेजी भाषा है।
संघ प्रमुख ने कहा, दुनिया हमारी संस्कृति का पालन कर रही है। हमारी सबसे बड़ी खूबी आत्मीयता है। अपनेपन की भावना ने ही हमें एक अलग पहचान दी है। आज सारी दुनिया की नजरें हम पर टिकी हुई हैं। सबसे प्रचीन होने के नाते हम चाहते हैं कि जो भी आए हमारे चरित्र से कुछ लेकर जाए। पूरे देश में व्यवस्थाएं अलग हैं। भाषाएं हैं। रामायाण महाभारत भी कई भाषाओं में लिखी गई, लेकिन भाव एक ही है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हम चाहे जिस राज्य, प्रदेश के रहने वाले हों। कोई भाषा बोलते हों। भौगोलिक परिस्थितियों के चलते खानपान अलग हो, लेकिन हमारी पहचान भारतीयता से है।
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