मोरबी पुल हादसे पर उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि गुजरात सरकार मोरबी पुल हादसे में लोगों की मौत पर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती है, उन्होनें साथ ही ये भी सवाल किया कि क्या इस घटना को धोखाधड़ी, साजिश का कृत्य कहा जाना चाहिए या महज हादसा कहना सही होगा?
मराठी पत्र में मोरबी के झूलते पुल के पुनर्निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर उद्धव ठाकरे ने सवाल उठाए है, हादसे के महज चार दिन पहले जनता के लिए खोला गया था ‘सामना’ के संपादकीय के अनुसार, ‘‘क्या लोगों की जान वापस आ जाएगी? पुल के रखरखाव के लिए जिम्मेदार कंपनी के खिलाफ जांच होनी चाहिए, लेकिन गुजरात सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती ‘इस घटना को धोखाधड़ी, साजिश कहा जाना चाहिए या महज दुर्घटना कहना चाहिए?
उद्धव ठाकरे ने अपने दल के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में लिखा जब पश्चिम बंगाल में 2016 में ऐसा ही हादसा हुआ था तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकार की आलोचना हुई थी
उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के मुताबिक क्या पुल का पुनर्निर्माण कार्य पूरा हो गया था या नहीं? पुल पर क्षमता से अधिक लोग कैसे पहुंच गये कई सवाल हैं और गुजरात सरकार को प्रत्येक सवाल का जवाब देना होगा केंद्र भी अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकता।