इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Nasal Vaccine May Get Approval: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 25 दिसंबर को फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को बूस्टर डोज (Booster Dose) लगाने की घोषणा की थी। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drug Controller General of India) की एक मीटिंग चल रही है। जिसमें बूस्टर डोज के लिए भारत बायोटेक कंपनी की नेजल वैक्सीन (नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन) को मंजूरी मिल सकती है। इसके लिए कंपनी ने सरकार से मंजूरी मांगी है। भारत बायोटेक के अधिकारियों का कहना है कि वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुके लोगों को अगर बूस्टर डोज दिया जाता है तो उसकी नेजल वैक्सीन अच्छा विकल्प साबित हो सकती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत बायोटेक ने सरकार को भेजे प्रस्ताव में कहा है कि नेजल वैक्सीन को बूस्टर डोज के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह उन लोगों के लिए कारगर साबित हो सकती है, जिन्होंने कोवैक्सिन या कोविशील्ड के दोनों डोज लगवा लिए हैं। कंपनी अपनी नेजल वैक्सीन के लिए 5 हजार लोगों पर क्लीनिक ट्रायल करना चाहती है। बूस्टर डोज लगावने के लिए दूसरे डोज के बाद 6 महीने का अंतर होना जरूरी है। नेजल बूस्टर डोज को क्लीनिकल ट्रायल्स के बाद मार्च के अंत तक इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है।
के्रंद्र सरकार से पहले ही सीरम इंस्टीट्यूट की कोवोवैक्स, कोवीर्वैक्स और एंटी कोविड पिल मोल्नुपिराविर को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने पिछले महीने एक ट्वीट में कहा था कि भारत को बधाई। हम कोविड के खिलाफ जंग में आगे बढ़ रहे हैं। भारत सरकार ने 2 वैक्सीन और एक टैबलेट को मंजूरी दे दी है। ये हैं- कोवोवैक्स, कोवीर्वैक्स और एंटी कोविड पिल मोल्नुपिराविर। कोवीर्वैक्स वैक्सीन भारत की पहली फइऊ प्रोटीन सब यूनिट वैक्सीन है। कोवीर्वैक्स वैक्सीन को हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ए ने तैयार किया है। जो भारत में बनी तीसरी वैक्सीन है।
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