- पिता सेवा सिंह कहते थे पुलिस में भर्ती होकर भी की जा सकती है देश की सेवा
- लेकिन निशान सिंह ने साफ कह दिया सेना में ही जाना है
- 8वीं कक्षा में ही सुबह हररोज 8 किलोमीटर दौड़ना शुरू कर दिया था
- 2 महीने पहले हुई थी शादी
- 2 दिन पहले मां को फोन कर पूछा था हालचाल
- सैनिक सम्मान के साथ भावदीन शिवपुरी में हुआ अंतिम संस्कार
- जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम जयवीर यादव व डीएसपी साधुराम ने दी श्रद्धांजलि
सिरसा, हितेश चतुवेर्दी।
Nishan Singh Had The Spirit Of Service To The Country : जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए जिला के गांव भादीन का निशान सिंह शहीद हो गया। शनिवार रात को भारतीय सेना ने निशान की शहादत की सूचना उसके परिजनों को फोन पर दी। रविवार शाम को शहीद निशान सिंह की पार्थिव देह पूरे सम्मान के साथ गांव पहुंची। इसके बाद पूरा भावदीन गांव शहीद निशान सिंह अमर रहे के नारों से गूंज उठा।
निशान सिंह ने 12वीं कक्षा की पढ़ाई अपने गांव भावदीन के राजकीय विद्यालय से की। वे वर्ष 2013 में 19 राष्ट्रीय राइफल में बतौर सैनिक भर्ती हुए थे। निशान सिंह के पिता सेवा सिंह सेवानिवृत पशु चिकित्सक हैं। चार दिन पहले अनंतनाग में सेना ने सर्च आपरेशन चलाया था। इस दौरान सेना की आतंकवादियों से मुठभेड़ हुई। निशान सिंह इस आॅपरेशन का हिस्सा थे। इस दौरान गोली लगने से वे शहीद हो गए।
इसी साल 18 फरवरी को हुई थी शादी Nishan Singh Had The Spirit Of Service To The Country
निशान सिंह की शादी दो माह पहले 18 फरवरी को फतेहाबाद जिला के गांव नागपुर में हुई थी। निशान सिंह के दिल में बचपन से ही देश सेवा का जज्बा था। उसने ठान लिया था कि भारतीय सेना में भर्ती होकर भारत मां की सेवा करनी है। पिता सेवा सिंह निशान को कहते थे कि पुलिस में भर्ती होकर भी सेवा की जा सकती है, लेकिन निशान सिंह ने पिता से साफ कहा कि वह सेना में ही जाना चाहता है।
कक्षा 8वीं से ही शुरू कर दी थी सेना में जाने की तैयारी
निशान सिंह कक्षा 8वीं से ही सुबह जल्दी उठकर 8 किलोमीटर तक गांव में दौड़ लगाता था। दो दिन पहले ही निशान का अपने माता-पिता को फोन किया था। निशान सिंह ने मां प्रकाश कौर से कहा था कि अभी जल्दी छुट्टी नहीं मिलेगी। जून के आसपास घर आउंगा।
सेना के जवानों ने दी सलामी Nishan Singh Had The Spirit Of Service To The Country
शहीद निशान सिंह की शहादत का पता रविवार सुबह जैसे ही गांव के कारोबारियों को लगा तो उन्होंने शहादत को नमन करते हुए अपनी अपनी दुकाने बंद कर दीं। शाम को पार्थिव शरीर पूरे सैनिक सम्मान के साथ घर पहुंचा, यहां परिजनों ने शास्त्रानुसार जरूरी अंतिम रसम निभाई। इसके पश्चात पार्थिव देह को सम्मान के साथ गांव की शिवपुरी में ले जाया गया और यहां पूरे सैनिक सम्मान के साथ शहीद निशान सिंह की पार्थिव देह का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पूरा आसमान शहीद निशान सिंह अमर रहे के नारों से गूंज उठा। सेना के जवानों ने हवा में कई राउंड फायरिंग कर शहीद निशान सिंह को सलामी दी।
डीएसपी साधु राम ने दी अंतिम श्रद्धांजलि
इस मौके पर जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम जयवीर यादव, पुलिस प्रशासन की ओर से डीएसपी साधु राम मौजूद रहे। दोनों ने शहीद निशान सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देने वालों में कालांवाली के विधायक शीशपाल केहरवाला, पूर्व विधायक बलकौर सिंह, राजेंद्र देसूजोधा, बीजेपी नेता अमन चोपड़ा व विभोर सेतिया सहित विभिन्न दलों के सैकड़ों नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे।
पार्थिव देह के साथ हजारों युवा पहुंचे गांव Nishan Singh Had The Spirit Of Service To The Country
शहीद निशान की पार्थिव देह को शाम साढ़े तीन बजे भावदीन टोल प्लाजा पहुंची। पार्थिव देह को फूलों से सजे सेना के टरक पर रखा गया था। भावदीन टोल प्लाजा पर हजारों की संख्या में ग्रामीण व युवा पहुंचे और शहीद निशान सिंह की शहादत को नमन किया। इसके बाद पार्थिव देह को लेकर फूलों से सवा सेना का टरक गांव भावदीन की ओर रवाना हुआ। टरक के आगे व पीछे हजारों युवा बाइकों पर सवार होकर साथ चले और शहीद निशान अमर रहे के नारे लगाए।
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निशान सिंह को फुटबाल खेलना बहुत पसंद था
निशान सिंह को फुटबाल खेलना बहुत पसंद था। उसके ज्यादातर दोस्त क्रिकेट खेलते थे, लेकिन निशान सिंह गांव के मैदान व स्कूल ग्राउंड में अपने कुछ साथियों के साथ फुटबाल खेलता था।
चार बहनें और एक छोटा भाई है Nishan Singh Had The Spirit Of Service To The Country
निशान सिंह की चार बहनें व एक छोटा भाई है। निशान सिंह की शहादत की खबर ने बहन बलजिंद्र कौर, वीरपाल कौर, राजेंद्र कौर, कबीर कौर व भाई खजान सिंह को स्तब्ध कर दिया। बहनों व छोटे भाई का कहना है कि उन्हें अपने भाई की शहादत पर गर्व है।
यारों का यार था निशान
निशान की शादी दो माह पहले ही हुई थी। उसके दोस्तों का कहना है कि निशान की शादी में वे खूब नाचे-गाए। अभी उसकी शादी के जश्न को भूले भी नहीं थे कि शनिवार रात को निशान की शहादत की खबर ने उन्हें हिला दिया। दोस्तों का कहना है कि निशान सिंह यारों का यार था।
पिता से बोला गेहूं खरीद लेना Nishan Singh Had The Spirit Of Service To The Country
20 दिन पहले निशान सिंह ने पिता सेवा सिंह को फोन किया और बोला कि गेहूं खरीद लेना, मैं पैसे भेज देता हूं।
शहीद निशान के नाम से गांव में बनेगा पार्क
गांव भावदीन से करीब 50 युवा सेना में भर्ती है। ग्रामीणों ने बताया कि निशान सिंह गांव का पहला शहीद सैनिक है। ग्रामीणों ने हरियाणा सरकार व सिरसा जिला प्रशासन से मांग की है कि शहीद निशान सिंह के नाम से गांव में पार्क का निर्माण करवाया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि निशान सिंह ने देश के लिए अपना बलिदान दिया। गांव के युवाओं को शहीद निशान सिंह के जीवन से सदा प्रेरणा मिलती रहेगी। Nishan Singh Had The Spirit Of Service To The Country
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