India News (इंडिया न्यूज), JPC On Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक पर बड़ा अपडेट सामने आया है। दरअसल, बताया जा रहा है कि, इस विधेयक पर चर्चा कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने सोमवार (27 जनवरी, 2025) को भाजपा और एनडीए के सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया। इस दौरान विपक्ष की ओर से पेश किए गए हर बदलाव को खारिज कर दिया गया। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि समिति द्वारा अपनाए गए संशोधनों से कानून बेहतर और प्रभावी बनेगा। वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 पर संसदीय पैनल के सदस्यों ने मसौदा कानून में 572 संशोधनों का सुझाव दिया।
जेपीसी की बैठक के बाद विपक्षी सांसदों ने कार्यवाही की निंदा की और जगदंबिका पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नष्ट करने का आरोप लगाया। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि यह हास्यास्पद प्रथा है। हमारी बात नहीं सुनी गई। जेपीसी की अध्यक्षता कर रहे जगदंबिका पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया है। वहीं जगदंबिका पाल का कहना है कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और फैसला बहुमत से आया है। बैठक से पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एनडीए सांसदों के साथ बैठक की और सभी को एकजुट रहने की सलाह दी।
JPC On Waqf Amendment Bill (वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी)
वक्फ बोर्ड विधेयक के तहत किसी संपत्ति के वक्फ होने या न होने का फैसला करने का अधिकार जिला कलेक्टर को दिया गया था। जेपीसी ने इस नियम में संशोधन किया है। अब संयुक्त संसदीय समिति ने संशोधन के तहत कलेक्टर की जगह राज्य सरकार द्वारा नामित अधिकारी को यह अधिकार दे दिया है। जेपीसी अध्यक्ष ने कहा कि विधेयक की 14 धाराओं में एनडीए सदस्यों द्वारा पेश किए गए संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने सभी 44 धाराओं में सैकड़ों संशोधन पेश किए और सभी को वोट से खारिज कर दिया गया।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, वक्फ विधेयक पर जेपीसी की सोमवार को सुबह 11 बजे बैठक हुई, जिसमें प्रस्तावित विधेयक के हर खंड पर चर्चा हुई। जेपीसी के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने सोमवार को बैठक से पहले न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “आज वक्फ बोर्ड की बैठक है, जिसमें सरकार द्वारा किए गए क्लॉज-बाय-क्लॉज संशोधनों पर चर्चा होगी। जेपीसी बनाने का प्रस्ताव शामिल था और पिछले छह महीने में जेपीसी ने सभी हितधारकों और राज्यों से बातचीत की है। अब सांसदों द्वारा प्रस्तावित संशोधनों, चाहे वे पक्ष में हों या विपक्ष में, पर चर्चा होगी। अगर आम सहमति बनी तो क्लॉज को मंजूरी मिलेगी, नहीं तो वोटिंग होगी।”
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जेपीसी की पिछली बैठक में हंगामा हुआ था, जिसके बाद 10 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर निष्पक्ष चर्चा की मांग की थी। पिछली बैठक में हुए हंगामे के बाद कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने आईएएनएस से बातचीत में कहा था, “संसदीय परंपराओं का पालन नहीं किया जा रहा है और यह विधेयक पूरी तरह समय के खिलाफ है। यह वक्फ संपत्तियों को हड़पने की साजिश लग रही है और इसके जरिए देश में नफरत फैलाने की योजना बनाई जा रही है। हमने स्पीकर से सवाल किया कि इतनी जल्दबाजी क्यों है, जबकि इस विधेयक को सत्र के आखिरी दिन यानी 4 अप्रैल तक रखा जा सकता था। उन्हें डर है कि इतनी जल्दबाजी के कारण सभी दलों को अपनी बात रखने का उचित समय नहीं मिल पाएगा।”