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India News(इंडिया न्यूज), Owaisi Reaches SC Against CAA: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू कर दिया है. जिसको लेकर अब देश में काफी विरोध देखने को मिल रहा है, खासकर मुस्लिम समुदाय के लोग सीएए पर खूब विरोध जता रहे हैं. वहीं अब सीएए के विरोधी सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गए हैं. एआईएमआईएम अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा सीएए पर रोक लगाने के लिए खटखटाया है. साथ ही एआईएमआईएम चीफ ने एनआरसी का मुद्दा भी सर्वोच्च न्यायालय के सामने उठाया है.
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने याचिका दायर कर के अदालत से अपील की है कि नागरिक संशोधन अधिनियम के कार्यान्वयन पर तुरंत रोक लगाई जाए. उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि सीएए के बाद देश में एनआरसी आ रहा है. उन्होंने आगे कहा कि इन दोनों का अपवित्र गठजोड़ है. भारतीय मुसलमानों को एनआरसी के माध्यम से निशाना बनाए जाने की योजना है. ओवैसी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सीएए से उत्पन्न बुराई केवल नागरिकता प्रदान करने को कम करने में से एक नहीं है. बल्कि नागरिकता से इनकार करने के परिणामस्वरूप उनके खिलाफ चुनिंदा कार्रवाई करने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय को अलग-थलग करना है. उन्होंने अदालत से अपील की है कि कोर्ट निर्देश जारी करें कि इन कार्यवाहियों के लंबित रहने के दौरान, किसी भी व्यक्ति को नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 2(1)(बी) के प्रावधानों का सहारा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
असदुद्दीन ओवैसी ने सीएए के खिलाफ अपनी याचिका में कहा है कि संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है संशोधित कानून. यह आर्टिकल 14, 21 और 25 का उल्लंघन करता है. ऐसे में इस मामले की सुनवाई जब तक होती है तब तक इस कानून के लागू होने पर रोक लगा देनी चाहिए. इससे पहले उन्होंने सीएए के अधिसूचना जारी होने को लेकर कहा था कि धर्म के आधार पर किसी कानून को नहीं बनाया जा सकता है.
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