India News (इंडिया न्यूज़), Pakistan IMF Loan: भारत से साल 1947 में अलग होकर देश बना पाकिस्तान आर्थिक तौर से काफी बुरे दौर से गुजर रहा है। खासकर पाकिस्तान के ऊपर चीन का कर्जा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। वहीं पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद शहबाज शरीफ के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ है। वहीं कर्ज में डूबने के बाद अब पाकिस्तानी हुकूमत नया कर्ज लेने के लिए IMF का चक्कर काट रही है। वहीं आईएमएफ ने पड़ोसी मुल्क को कर्ज देने से पहले सीपीईसी परियोजना को लेकर प्रश्न पूछे हैं। दरअसल, आईएमएफ को इस बात का शक है कि कहीं पाकिस्तान कर्ज लेने के बाद चीनी कंपनियों को न दे दे।

कर्ज देने से पहले आईएमएफ ने पूछा सवाल

बता दें कि, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के द्वारा लोन देने से पहले पाकिस्तान से सवाल किया है कि कहीं मौजूदा वित्त वर्ष में वह चीनी बिजली संयंत्रों के लिए 48 अरब रुपये का अतिरिक्त आवंटन तो नहीं कर रहा है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने जवाब दिया है कि वह चीनी बिजली संयंत्रों के बकाया ऋण को चुकाने के लिए किसी भी प्रकार का आवंटन नहीं करेगा। दरअसल, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे की बिजली परियोजनाओं का बकाया पाकिस्तान पर जनवरी माह तक बढ़कर 493 अरब पाकिस्तानी रुपये हो गया है। जो पिछले साल जून में 214 अरब रुपये था, पाकिस्तान के ऊपर यहां 77 फीसदी से ज्यादा कर्ज बढ़ोतरी हुई है।

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कर्ज के बोझ से डूबा पाकिस्तान

बता दें कि, पाकिस्तान के ऊपर चीनी का बढ़ना ऊर्जा फ्रेमवर्क 2015 के समझौते के नियमों के खिलाफ बताया जा रहा है। आईएमएफ ने पाकिस्तान से बिजली चोरी को लेकर भी सवाल पूछा है। दरअसल, आईएमएफ को लगता है कि पाकिस्तान में बिजली की चोरी हो रही है, जिसपर हुकूमत कड़े कदम नहीं उठा रहा है। वहीं, पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। सरकार के पास देश चलाने के लिए सरकारी खजाने में पैसे नही हैं।

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