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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Parliament Session शीतकालीन सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को भी संसद में हंगामा हुआ। विपक्ष के 12 निलंबित सांसदों के मुद्दे पर शोर शराबे के चलते सदन की कार्रवाई को कई बार रोकना पड़ा।
वहीं किसान आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मौत के मामले में भी विपक्ष के सदस्यों ने मुआवजे की मांग को लेकर सरकार पर निशाना साधा। सांसदों के निलंबन के मामले में विपक्ष जहां कह रहा है कि सांसद माफी नहीं मांगेंगे, वहीं सरकार और दोनों सदनों के अध्यक्ष चाहते हैं कि सांसदों को माफी मांगनी चाहिए। बता दें 12 सांसदों को मानसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण के आरोपों के चलते सदन से निलंबित कर दिया गया है।
अब यह भी कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार सदन की कार्रवाई को सुचारू रूप से चलाना चाहती है। सरकार की कोशिश है कि विभिन्न बिलों को पारित किया जाए। इसके लिए निलंबित किए गए विपक्ष के सांसदों को चेतावनी देकर छोड़ने पर विचार किया जा रहा है। इसकी पहल लोकसभा अध्यक्ष की तरफ से की गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को संसद में कहा कि एक समय था जब किसी वैक्सीन रिसर्च को अप्रूव होने में तीन साल तक लग जाते थे, जिसके चलते कोई भी शोध नहीं करता था। उन्होंने कहा, हमने उन नियमों को खत्म कर दिया और एक साल के भीतर शोध के बाद देश को वैक्सीन मिल गई। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, यह सुविधा पीएम मोदी ने दी है। उनके प्रयासों से ही यह सब संभव हुआ है।
मंडाविया ने बताया कि भारत में पहला कोविड-19 का मामला 13 जनवरी 2020 को केरल में सामने आया, लेकिन केंद्र द्वारा गठित संयुक्त निगरानी समिति की पहली बैठक 8 जनवरी 2020 को हुई थी। इसका मतलब है कि हम कोरोना को लेकर सतर्क थे, मामला दर्ज होने से पहले एक समिति बनाई गई थी और इसने काम करना शुरू कर दिया था।
किसान आंदोलन में मरने वाले लोगों की जानकारी न होने के सरकार के बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, हमारे पास 300 किसानों का आंकड़ा है। यदि सरकार चाहे तो हमसे सूची ले सकती है। सूची लें और किसानों को मदद दी जाए। पंजाब सरकार ने 403 किसानों के परिवारों को मुआवाजा दिया है। 152 किसानों के परिजनों को पंजाब सरकार ने नौकरी दे दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि सरकार की तरफ से सभी राज्यों को आक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर आंकड़े जुटाने देने को कहा गया था। उन्होंने कहा, इस बारे में अब तक 19 राज्यों का जवाब भी मिल चुका है। केवल पंजाब ने एक व्यक्ति की आक्सीजन की कमी की वजह से मरने की आशंका व्यक्त की है।
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