- राज्यसभा की बैठक कल दोपहर 2:15 बजे नए संसद भवन में होने के लिए स्थगित कर दी गई।
संबंधित खबरें
‘नहीं हटाउंगी बुर्का’ हाईकोर्ट के जज से भिड़ गई मुस्लिम महिला वकील, जब मंगवाई गई रिपोर्ट तो…
PM Modi ने दे दिया नए साल का तोहफा, मोबाइल यूजर्स को मिली बड़ी खुशखबरी, इस फैसले का 150 मिलियन ग्राहकों को मिलेगा फायदा
अटल बिहारी वाजपेयी का लोहा मानते थे पंडित नेहरू, धुर विरोधी को घोषित कर दिया था प्रधानमंत्री, दिल जीत लेगी उस दौर की राजनीति
अंतरिक्ष में ISRO की ऐतिहासिक छलांग, मुंह ताकेंगे अमेरिका, चीन और रूस, PAK की छाती पर भी लोटेगा सांप
मैं अविवाहित पर कुंआरा नहीं हूं…, कौन थी वो खूबसूरत आंखों वाली लड़की जिसके प्यार में दिवाने थे वाजपेयी, जानें कैसे हुआ एक महान प्रेम कहानी का अंत
कितना कमाती थी Atul Subhash की पत्नी? होश उड़ा देंगी निकिता सिंघानिया की काली करतूतें, केस में आया नया मोड़
India News (इंडिया न्यूज), Parliament Special Session Live : आज यानि सोमवार 18 सितंबर को संसद का पांच दिवसीय सत्र शुरू हुआ है। बता दें कि सरकार की ओर से यह बताया गया था कि यह एक ‘विशेष सत्र’ होगा। हालांकि बाद में उनकी ओर से यह साफ किया गया है कि यह केवल नियमित सत्र होगा। यह आज से शुरू होकर 22 सितंबर तक चलने वाला है। सत्र के दौरान सदन की कार्रवाई का समय 11 बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक चलेगी। फिर अपराह्न दो बजे से लेकर शाम छह बजे तक चलेगी।
संसद सत्र के बीच आज शाम साढ़े छह बजे बुलाई गई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंत्रियों के साथ एक मीटिंग कर रहे हैं। ये मीटिंग संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के कमरे में की जा रही है। इस मीटिंग में पीएम मोदी, अमित शाह, पीयूश गोयल समेंत धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, अनुराग ठाकुर, अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन शामिल हैं।
लोकसभा में एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने प्रधानमंत्री मोदी की भाषण की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री के भाषण की सराहना करती हूं जहां उन्होंने सराहना की कि शासन निरंतरता है। इस देश के निर्माण में पिछले 7 दशकों में विभिन्न लोगों ने योगदान दिया है, जिसे हम सभी समान रूप से प्यार करते हैं। चाहे आप इसे इंडिया कहें या भारत, यह आपका अपना देश है। हम सभी यहीं पैदा हुए हैं, हम सभी यहां आकर धन्य हैं…मैं उन दो लोगों को रिकॉर्ड पर रखना चाहूंगी जिनका आज भाजपा ने उल्लेख नहीं किया है, जिनसे मैं अपने संसदीय कार्यों में अत्यधिक प्रभावित रही हूं, जो भाजपा से आते हैं। मुझे अब भी लगता है कि वे सबसे बड़े नेताओं में से एक थे और असाधारण सांसद थे जिनका हम आदर करते थे – सुषमा स्वराज और अरुण जेटली। वे लगातार सहकारी संघवाद की बात करते रहे
इमारत यादों से भरी- कांग्रेस सांसद शशि थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पुराने संसद के बारे में कहा कि यह इमारत यादों से भरी है। जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा, यह इतिहास से भरा है। यह दुख का क्षण है। आशा है कि नए भवन में सांसदों के लिए अच्छी सुविधाएं होंगी…मुझे लगता है कि हम सभी इस बात को लेकर असमंजस में थे कि यह सत्र क्यों जरूरी था, बहुत सारे बिल जिनके बारे में बात हो रही है, उन्हें बाद में पेश किया जा सकता था। लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार एक भवन से दूसरे भवन में स्थानांतरण का एक विशेष क्षण बनाना चाहती थी और उन्होंने इसे एक विशेष तरीके से करने की कोशिश की है और हम इसे समझ सकते हैं।
कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने संसद के बहार कहा कि अभी भी हम छिपे हुए एजेंडों का इंतजार कर रहे हैं। छिपे हुए एजेंडे को आने दीजिए, तभी हम फैसला करेंगे। वैसे भी, हम पूरा सहयोग कर रहे हैं क्योंकि हमें अपने भारतीय संसदीय लोकतंत्र की 75 साल की यात्रा पर बहुत गर्व है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने फिर उठाया मणिपुर का मुद्दा
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘हमारे यहां सत्ता का हस्तांतरण बदूंक के दम पर नहीं हुआ। गांधी जी ने जो आजादी दिलाई वह अहिंसा पर थी। मजबूत विपक्ष न होने का अर्थ है व्यवस्था में कमी है। अब मजबूत विपक्ष है तो उसके घर ईडी सीबीआई भेजी जाती है। प्रधानमंत्री देश के हर इलाके में जाते हैं लेकिन वे मणिपुर क्यों नहीं जाते।’
जवाहरलाल नेहरू ने विपक्ष के नेताओं को भी मंत्री बनाया: खरगे
राज्यसभा में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू जब प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने विपक्ष के नेताओं को भी मंत्री बनाया। आज क्या ऐसा हो सकता है? खरगे ने कहा कि नेहरू तो आलोचकों की बात बैठकर सुनते थे, लेकिन यहां तो प्राइम मिनिस्टर अंदर भी नहीं आते। उन्होंने कहा कि थोड़ा (पीयूष) गोयल जी को भी रिलीफ मिले।
कुछ भी बोले हम हैं इंडिया: खरगे
राज्यसभा में संसद के 75 वर्षों के सफर पर चर्चा चल रही है। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी अपनी बात रखी। खरगे ने सत्ता पक्ष पर तंज कसते हुए कहा, ‘संविधान सभा के प्रयासों से यह देश जिंदा है, एक है और समावेशी (इनक्लूसिव) है और इंक्लूसिव बोले तो थोड़ा डर होता। इंक्लूसिव बोले तो फिर I.N.D.I.A, उसको छोटा करने के लिए हमारे (जेपी) नड्डा साहब इंडी बोलते हैं इसीलिए तो बोले नाम बदलने से कुछ नहीं होता। इंडी बोलो कुछ भी बोले, हम हैं इंडिया, आप कुछ भी बोले।’ खरगे ने यह बात ट्रेजरी बेंचों पर बैठे नड्डा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर आदि की ओर देखकर कही।
सदन में आखिरी दिन है तो भावुक होना स्वाभाविक है: अधीर रंजन
संसद के विशेष सत्र में पीएम मोदी के बाद अब विपक्षी नेता अधीर रंजन सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा, क्योंकि आज इस सदन में आखिरी दिन है तो भावुक होना तो स्वाभाविक है।
वर्तमान सांसदों के लिए यह विशेष सौभाग्य का विषय: पीएम मोदी
वर्तमान सांसदों के लिए यह विशेष सौभाग्य का विषय है और वह इसलिए क्योंकि हमें इतिहास और भविष्य दोनों की कड़ी का हिस्सा होने का अवसर मिला है। हम नए संसद में जाएंगे तो एक नए विश्वास के साथ जाएंगे। मैं सभी सदस्यों व अन्य के द्वारा दिए गए अपने योगदान के लिए धन्यवाद करता हूं: पीएम मोदी
धारा 370 हटाने पर सदन को हमेशा गर्व रहेगा: पीएम मोदी
लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने ये भी कहा कि धारा 370 हटाने पर सदन को हमेशा गर्व रहेगा।
नेहरू जी का गौरव गान होता है तो किस सदस्य का ताली बजाने का मन नहीं करेगा: पीएम मोदी
आज का दिवस इस सदन के सभी 7,500 से ज्यादा प्रतिनिधियों के गौरव गान के लिए है। बहुत सी बातें ऐसी थीं तो सदन में हर किसी की ताली की हकदार थीं लेकिन शायद राजनीति उसमें आड़े आ गई। नेहरू जी का गौरव गान अगर इस सदन में होता है तो किस सदस्य का ताली बजाने का मन नहीं करेगा।
इसी सदन में एक वोट से गिर गई थी अटल जी की सरकार: पीएम मोदी
पुराने सदन में पीएम मोदी ने अपने आखिरी संबोधन में कहा, इसी सदन ने इमरजेंसी को देखा। वन नेशन वन टैक्स का फैसला इसी सदन ने किया। गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला इसी सदन में हुआ। यही सदन है जहां एक वोट से अटल जी की सरकार गिर गई थी। तीन राज्यों का गठन इसी सदन में हुआ।
पीएम मोदी ने पत्रकारों को भी किया याद
जब आज हम इस सदन को छोड़ रहे हैं तब उन पत्रकार मित्रों को भी याद करना चाहता हूं जो संसद की रिपोर्टिंग करते रहे। कुछ तो ऐसे रहे जिन्होंने पूरी जिदंगी संसद को रिपोर्ट किया है। पहले यह तकनीक उपलब्ध नहीं थी, तब वही लोग थे। उनका सामर्थ्य था कि वे अंदर की खबर पहुंचाते थे और अंदर के अंदर की भी (खबर) पहुंचाते थे।
पीएम मोदी ने किया संसद पर हुए आतंकी हमले को याद
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने संसद पर हुए आतंकी हमले को याद कर बोले कि अनगिनत लोगों ने संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए अपना योगदान दिया। लोकतंत्र के इस सदन में आतंकी हमला भी हुआ। ये हमला संसद पर नहीं बल्कि हमारी जीवात्मा पर था। आतंकियों से लड़ते लड़ते सदन को बचाने के लिए जिन्होंने अपने सीने पर गोलियां खाईं मैं उनको भी नमन करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने जवाहर लाल नेहरू से लालकृष्ण आडवाणी तक का किया जिक्र
संसदीय इतिहास में योगदान के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ मनमोहन सिंह का जिक्र किया। सरदार पटेल से लेकर लालकृष्ण आडवाणी का भी जिक्र हुआ।
इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है: पीएम मोदी
इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती है और हम यह सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है: पीएम मोदी
पुरानी संसद में पीएम मोदी का आखिरी भाषण, बोले-जब मैं पहली बार सांसद बना…
पुरानी संसद में पीएम मोदी ने अपने आखिरी भाषण में कहा कि मैं पहली बार जब संसद का सदस्य रहा, पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में मैंने प्रवेश किया तो सहज रूप से मैंने संसद भवन की चौखट पर अपना शीश झुका दिया। इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन करते हुए मैंने पैर रखा था। वह पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि देश मुझे इतना सम्मान देगा।
मैं उस इमोशनल पल को भूल नहीं सकता: पीएम मोदी
भारत इस बात के लिए गर्व करेगा जब भारत अध्यक्ष रहा, उस समय अफ्रीकन यूनियन G20 का सदस्य बना। मैं उस इमोशनल पल को भूल नहीं सकता। जब अफ्रीकन यूनियन की घोषणा हुई, उन्होंने मुझसे कहा कि शायद मैं बोलते-बोलते रो पड़ुंगा। कल्पना कर सकते हैं कि कितनी बड़ी अपेक्षा और आशाएं पूरी करने का काम भारत के भाग्य में आया है।
नई संसद में देशवासियों का पसीना लगा: पीएम मोदी
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि नए संसद भवन में जाने से पहले देश के संसद की 75 साल की यात्रा का स्मरण कर लेते हैं। हम सब इस एतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं। नई संसद में देशवासियों का पसीना लगा है। आज़ादी के पहले यह सदन इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल का स्थान हुआ करता था। आजादी के बाद इस भवन को संसद भवन की पहचान मिली। संसद का पुराना भवन आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देगा।
पीएम मोदी ने लोकसभा में अपना संबोधन शुरू किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपना संबोधन शुरू किया। पीएम ने पुराने संसद भवन का इतिहास बताया। मोदी ने कहा कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों का था, लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं कि भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था, परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी मेरे देश के लोगों के लगे थे।
दिनेश शर्मा ने राज्यसभा में संसद सदस्य के रूप में ली शपथ
संसद के विशेष सत्र में बीजेपी नेता दिनेश शर्मा ने राज्यसभा में संसद सदस्य के रूप में शपथ ली। दिनेश शर्मा को यूपी से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था।
#WATCH संसद का विशेष सत्र में भाजपा नेता दिनेश शर्मा ने राज्यसभा में संसद सदस्य के रूप में शपथ ली।#ParliamentSpecialSession pic.twitter.com/qPxoJisbXb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 18, 2023
संसद ने G20 के सफल आयोजन पर बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन पर दोनों सदनों में बधाई दी गई। लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने G20 में व्यापक जनभागीदारी के बारे में बताते हुए कहा कि यह आयोजन आने वाले दशकों में वैश्विक व्यवस्था को नया रूप देने में सहायक होगा।
राष्ट्रगान के साथ दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू
संसद के विशेष सत्र में दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हो गई है। राष्ट्रगान के बाद, फौरन ही विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि ‘कंट्रोल मेरे पास है।
संसद के विशेष सत्र के लिए कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी संसद भवन पहुंची।
INDIA गठबंधन पार्टियों ने संसद के विशेष सत्र में भाग लेने का फैसला किया है और उनके द्वारा महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जाएंगे: सूत्र
“जो सत्र बुलाया गया है वह आनन-फानन में बुलाया गया है और बिना एजेंडे के बुलाया गया है। केंद्र सरकार एजेंडा भी नहीं दे रही है, कल सर्वदलीय बैठक में भी यही मुद्दा उठाया गया, केंद्र सरकार से पूछा भी गया लेकिन उन्होंने हमारे साथ एजेंडा शेयर नहीं किया। आप आठ बिल देखेंगे, जिसमें जो मुख्य चुनाव आयुक्त को लेकर है और वहीं महत्वपूर्ण है जिसका हम विरोध करेंगे। आज पूरे उत्तर भारत में हरतालिका तीज मनाई जाती है, कल गणेश चतुर्थी है और इसी बीच में यह सत्र बुलाया गया है इससे स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार के मन में क्या है”
#WATCH …ये सही है कि संसद का ये सत्र छोटा है लेकिन समय के हिसाब से ये बहुत बड़ा है। ऐतिहासिक निर्णयों का ये सत्र है… : PM मोदी#ParliamentSpecialSession pic.twitter.com/8aTvTxYp9j
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 18, 2023
दिल्ली: संसद के विशेष सत्र के शुरू होने से पहले TMC सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, “यह एक ऐतिहासिक क्षण है, हम चाहते हैं कि विशेष सत्र अच्छे से संपन्न हो, पक्ष और विपक्ष के बीच वितर्क न हो।”
विशेष सत्र के साथ इतने सारे बिल पास करने की मंशा सरकार की क्यों हुई, इस बारे में सरकार को बताना चाहिए। विशेष सत्र एक मुद्दे को लेकर बुलाया जाता है और उसी पर चर्चा होती है, लेकिन इन्होंने खिचड़ी बना दी है…ये बहुत अटपटा लग रहा है: कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संसद के विशेष सत्र में लोकसभा में बोल सकते हैं: सूत्र
सरकार ने बुधवार को विज्ञप्ति जारी कर बताया कि सत्र के पहले दिन 18 सितंबर को ‘संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 साल की संसदीय यात्रा’ पर चर्चा होगी। और संविधान सभा से लेकर आज तक संसद की 75 वर्षों की यात्रा, उपलब्धियों, अनुभवों, स्मृतियों पर चर्चा की जाएगी।
हालांकि, अभी तक मोदी सरकार की शासनकाल में केवल एक बार विशेष सत्र बुलाया गया। जिसे 30 जून 2017 को सरकार ने जीएसटी को लागू करने के लिए संसद के सेंट्रल हॉल में बुलाया था। वहीं, 18 से 22 सितंबर तक जिस विशेष सत्र की आयोजन किया गया वह मोदी सरकार का दूसरा सत्र होगा।
भारतीय संविधान में संसद के विशेष सत्र शब्द का कोई जिक्र नहीं है। हालांकि, सरकारों द्वारा उपयोग किए जाने वाले विशेष सत्र को अनुच्छेद 85(1) के प्रावधानों के अनुसार बुलाया जाता है। जरूरत पड़ने पर देश के राष्ट्रपति को संसद का विशेष सत्र बुलाने का अधिकार है। सत्र बुलाने का निर्णय संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा लिया जाता है और सांसदों को राष्ट्रपति के नाम पर बुलाया जाता है। केंद्र सरकार ने इसी प्रावधान का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति से संसद का विशेष सत्र बुलाने की सिफारिश की और मंजूरी भी ले ली।
यह भी पढ़ें:-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.